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Chaitra Navratri: चमत्कारी है मां दुर्गा का यह मंदिर, आप भी जरूर करें दर्शन

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 02 Apr, 2022 04:37 PM
Chaitra Navratri: चमत्कारी है मां दुर्गा का यह मंदिर, आप भी जरूर करें दर्शन

नवरात्रि के मौके पर देश के सभी मां दुर्गा के मंदिरों में भक्तों की भीड़ हो जाती है। दूर-दूर से हजारों भक्तजन मां के दरबार में हाजरी लगाने और अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए हाजरी लगाते हैं। नवरात्रि के नौ दिन लोग देश के अलग-अलग मान्यताओं वाले मंदिरों में मां का दर्शन करने जाते है। ऐसे पावन अवसर पर हम आपको ऐसे देवी मां के ऐसे मंदिर के बारे में बताते हैं जहां हिंदुओं के साथ मूसलमान भी हाजरी लगाने आते हैं। आइए जानते हैं उस मंदिर के बारे में-

बिहार का नेतुला मंदिर

बिहार के जमुई जिले के सिकंदरा प्रखंड के कुमार गांव में मां नेतुला का मंदिर है जहां बहुत दूर-दूर से लोग माता के दर्शनों के लिए आते हैं। इस मंदिर में हर मंगलवार और शनिवार को खास पूजा होती है जहां लोग बच्चे की मनोकामना लेकर आते हैं।

अंधे लोगों को मिली आंखे

यह मान्यता है कि अगर लगातार तीस दिन तक मंदिर में सच्चे भक्ति भाव से पूजा की जाएं तो मन की सारी इच्छा पूरी होती है। इस मंदिर में आने वाले आधे दर्जन से ज्यादा अंधे लोगों को खोई हुई आंखो की रोशनी फिर से मिली है। इसके अलावा नि: संतान कपल्स को संतान की प्राप्ति हुई है।

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मुस्लिम भी देने आते हैं हाजरी

स्थानीय लोगों के अनुसार मंदिर गंगा-जमुनी तहजीब को समेट रखा है। इस मंदिर की मान्यता तथा शक्ति इतनी दूर-दूर तक फैली है कि हिंदूओं के साथ-साथ मुस्लिम संप्रदाय के लोग भी हाजरी लगाने आते हैं। फूलों से मां का दरबार सजता है। नेतुला मंदिर में प्रत्येक दिन सुबह-शाम मां का श्रृंगार और आरती की जाती है। 

मंदिर की कथा

स्थानीय लोगों के मुताबिक जब मां सती ने खुद को अग्नि की भेट चढ़ा दिया था उस समय भगवान शंकर उन्हें लेकर पूरी धरती का भ्रमण कर रहे थे। धरती को भगवान शिव के क्रोध से बचाने के लिए भगवान विष्णु ने मां के जलते हुए शरीर को कई हिस्से में काट दिया। इस जगह में मां की पीठ का हिस्सा गिरा था। इस मंदिर में मां के पीठ की पूजा की जाती है। 

कैसे पहुंचे

जुमई रेलवे स्टेशन व लखीसरायसे मां नेतुला मंदिर की दूरी करीब तीस किलोमीटर है। वहीं नालंदा से मंदिर की दूरी 60 किलोमीटर है। जमुई से मंदिर जाने के लिए बसें उपलब्ध रहती हैं। आप चाहें तो छोटे वाहनों से भी मंदिर पहुंच सकते हैं। 
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