22 DECSUNDAY2024 5:53:40 PM
Nari

लम्बा चौड़ा कद, सिर पर हैट... बॉलीवुड के पहले स्टाइल आइकॉन स्टार की दीवानी थीं लाखों लड़कियां

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 27 Apr, 2024 03:27 PM
लम्बा चौड़ा कद, सिर पर हैट... बॉलीवुड के पहले स्टाइल आइकॉन स्टार की दीवानी थीं लाखों लड़कियां

फिल्म इंडस्ट्री में फिरोज खान को स्टाइल आइकॉन के रूप में याद किया जाता है, जिन्होंने नायक की परंपरागत छवि के विपरीत अपनी एक विशेष शैली गढ़ी जो आकर्षक और तड़क-भड़क वाली छवि थी। वह चॉकलेटी हीरो से लेकर खूंखार खलनायक तक हर रोल में फिट साबित हुए।  आज भी उनका  नाम सुनते ही आंखों के सामने लंबे चौड़े, सूट-बूट, सिर पर हैट और जैकेट पहनने वाले हैंडसम से शख्स का चेहरा नजर आता है।

PunjabKesari
भाई संजय खान के साथ कई फिल्मों में किया काम

25 सितंबर 1939 को बेंगलूरू में जन्में फिरोज खान ने वर्ष 1960 में फिल्म दीदी में उन्हें पहली बार अभिनय करने का मौका मिला। इसके बाद अगले पांच साल तक अधिकतर फिल्मों में उन्हें सहनायक की भूमिकाएं ही मिलीं। जल्दी ही उनकी किस्मत का सितारा चमका और उन्हें 1965 में फणी मजूमदार की फिल्म ऊंचे लोग में काम करने का मौका मिला।  1969 में उनकी फिल्म आदमी और इंसान प्रदर्शित हुयी। इस फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ सहनायक का पुरस्कार मिला। फिरोज खान अपने भाई संजय खान के साथ भी कुछ फिल्मों में दिखाई दिए, जिनमें उपासना, मेला, नागिन जैसी हिट फिल्में शामिल हैं।

PunjabKesari
रविवार को नहीं करते थे काम

करियर के पीक पर फिर फिरोज खान ने सुंदरी नाम की लड़की से शादी  कर अपनर लाखों फैंस के दिल तोड़ दिए। वह  मुस्लिम होने के बाद भी सांई बाबा की पूजा करते थे, इतना ही नहीं मौलवियों के ऑब्जेक्शन के बाद भी फिरोज खान ने अपने बच्चों को दूसरे धर्म में शादी करने की इजाजत दी। उनकी एक खास बात यह थी कि वह  कभी भी रविवार को काम नहीं करते थे।


अपनी ही शर्त पर करते थे काम

 वर्ष 1972 में प्रदर्शित फिल्म अपराध से फिरोज खान ने निर्माता-निर्देशक के रूप में अपनी पारी की सफल शुरुआत की। इसके बाद उन्होंनेे धमार्त्मा, कुबार्नी, जांबाज, दयावान, यलगार, प्रेम अगन और जानशीं जैसी कुछ फिल्मों का निर्माण किया। फिल्म निर्माण और निर्देशन के क्रम में फिरोज खान ने हिन्दी फिल्मों में कुछ नयी बातों का आगाज किया। अपराध भारत की पहली फिल्म थी, जिसमें जर्मनी में कार रेस दिखाई गई थी। धर्मात्मा की शूटिंग के लिए वह अफगानिस्तान के खूबसरत लोकशनों पर गए। इससे पहले भारत की किसी भी फिल्म का वहां फिल्मांकन नहीं किया गया था। वह उन चंद अभिनेताओं में एक थे, जो अपनी ही शर्त पर फिल्म में काम करना पसंद करते थे। इस वजह से उन्होंने कई अच्छी फिल्मों के प्रस्ताव ठुकरा दिए थे। 

PunjabKesari

2009 को दुनिया को कह दिया अलविदा

राजकपूर की फिल्म संगम में राजेन्द्र कुमार और आदमी फिल्म में मनोज कुमार वाली भूमिका के लिये उन्होंने मना कर दिया था। वर्ष 2003 में फिरोज खान ने अपने पुत्र फरदीन खान को लांच करने के लिये जानशीन का निर्माण किया। बॉलीवुड में लेडी किलर के नाम से मशहूर फिरोज खान ने चार दशक लंबे सिने करियर में लगभग 60 फिल्मों में अभिनय किया। उन्होंने  फिल्म निर्माण की अपनी विशेष शैली बनायी थी।  फिरोज खान की निर्मित फिल्मों पर नजर डालें तो उनकी फिल्में बड़े बजट की हुआ करती थीं जिनमें बड़े-बड़े सितारे आकर्षक और भव्य सेट, खूबसूरत लोकेशन, दिल को छू लेने वाला गीत, संगीत और उम्दा तकनीक देखने को मिलती थी।अपने विशिष्ट अंदाज से दर्शकों के बीच खास पहचान वाले फिरोज खान 27 अप्रैल 2009 को इस दुनिया को अलविदा कह गये। 

Related News