
नारी डेस्क: क्रैम्प्स (मांसपेशियों में ऐंठन या मरोड़) वैसे तो आमतौर पर महिलाओं में पीरियड्स के दौरान महसूस होते हैं, लेकिन कई बार बिना पीरियड्स के भी यह समस्या हो सकती है। अगर आपको पीरियड्स नहीं आए हैं लेकिन पेट या शरीर के अन्य हिस्सों में क्रैम्प्स हो रहे हैं, तो यह किसी अंदरूनी समस्या का संकेत हो सकता है, जिसे नजरअंदाज बिल्कुल ना करें। पहले समझते हैं किस कारण होता है ऐसा और कब जाना चाहिए डॉक्टर के पास।

बिना पीरियड्स के क्रैम्प्स होने के कारण
अगर आपकी मासिक धर्म चक्र में देरी हो रही है और पेट में हल्के से मध्यम दर्द वाले क्रैम्प्स महसूस हो रहे हैं, तो यह गर्भावस्था का संकेत हो सकता है। इसके लिए घर पर प्रेगनेंसी टेस्ट करें या डॉक्टर से सलाह लें। कुछ महिलाओं को ओव्यूलेशन (अंडोत्सर्जन) के दौरान दर्द महसूस होता है, जिसे 'Mittelschmerz' कहते हैं। यह सामान्य है, लेकिन दर्द बहुत ज्यादा हो तो डॉक्टर से सलाह लें।
ये भी है दर्द का कारण
यह एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें यूट्रस (गर्भाशय) की लाइनिंग गर्भाशय के बाहर बढ़ने लगती है। बिना पीरियड्स के गंभीर ऐंठन, पेट में सूजन, दर्दनाक संभोग होता है अगर बार-बार क्रैम्प्स हो रहे हैं, तो गायनेकोलॉजिस्ट से जांच करवाएं। वहीं PCOS एक हार्मोनल समस्या है, जिसमें ओवरी में सिस्ट बन जाते हैं और पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं। इसमें अनियमित मासिक धर्म, अचानक वजन बढ़ना, चेहरे पर अनचाहे बाल, पेट दर्द जैसी समस्या आती है। बेहतर होगा कि ब्लड टेस्ट और अल्ट्रासाउंड के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। अगर आपको पेशाब के दौरान जलन और बार-बार यूरिन आने की समस्या हो रही है, तो यह UTI या ब्लैडर इंफेक्शन हो सकता है। इस दौरान पेट के निचले हिस्से में दर्द, पेशाब में जलन, बार-बार यूरिन आने की समस्या होती है। इससे बचने के लिए खूब पानी पिएं और डॉक्टर की सलाह लें।mअगर आपको कब्ज (Constipation) या गैस्ट्रिक समस्या है तो पेट फूलना, गैस, भारीपन, शौच करने में कठिनाई हो सकती है।

कब डॉक्टर से मिलना चाहिए?
- बहुत ज्यादा दर्द हो जो रोजमर्रा के कामों को प्रभावित कर रहा हो।
-पीरियड्स मिस हो गए हों और साथ में तेज ऐंठन हो रही हो।
- पेशाब में जलन या डिस्चार्ज में बदलाव महसूस हो रहा हो।
- पेट में सूजन और असहजता बनी हुई हो।
- दर्द के साथ उल्टी, चक्कर आना या तेज बुखार हो।
क्रैम्प्स से राहत पाने के घरेलू उपाय
पेट के निचले हिस्से पर गर्म पानी की बोतल से सिकाई करने से मांसपेशियों को आराम मिलेगा।अदरक या कैमोमाइल चाय भी दर्द को कम करने में मदद कर सकती है। डिहाइड्रेशन से बचने के लिए दिनभर में 8-10 गिलास पानी पिएं। वहीं योग और स्ट्रेचिंग करने से मांसपेशियों की ऐंठन कम होगी।