यह बात तो हम सभी जानते हैं कि पेड़ पौधों के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। जिस प्रकार हम अपने परिवार के भरण पोषण के लिए आजीविका कमाने के प्रयास करते हैं उसी प्रकार हमें जीवनदायिनी पेड़-पौधों को बचाने व लगाने के लिए सक्रिय प्रयास करने चाहिए। ऐसा ही कुछ कर रही है लिटिल ग्रीन वॉरियर ईहा दीक्षित, जिसने पौधारोपण को ही अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया है।
12 हजार से ज्यादा पौधे लगा चुकी है ईहा
यह छोटी सी बच्ची अब तक 12 हजार से ज्यादा पौधे रोपित कर चुकी है, जिसके चलते उन्हें राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री भी सम्मानित कर चुके हैं। इतना ही नहीं इस ग्रीन वॉरियर की कहानी छात्र भी अपने सिलेबस में पढ़ेंगे। ईहा को इंडिया बुक ऑफ रेकॉर्ड, यूपी बुक ऑफ रेकॉर्ड, वियतनाम बुक ऑफ रेकॉर्ड, महिला गौरव और अन्य कई सम्मान मिल चुके हैं।
प्रधानमंत्री से हुई थी प्रेरित
ईहा ने बताया था कि उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मन की बात' से प्रेरित होकर अपने पांचवें जन्मदिन पर एक ही दिन में मेडिकल कॉलेज में 1008 पौधे और छठे जन्मदिन पर 2500 पौधे लगाने का रेकॉर्ड बनाया था। लिटिल ग्रीन वॉरियर की इस उपलब्धि के बारे में अब सीबीएसई की कक्षा सात की किताब में जोड़ा गया है। ईहा दीक्षित का चैप्टर, पर्यावरण बचाने का संदेश देगा।
पीएम ने दी थी खास सीख
मेरठ के जागृति विहार निवासी ईहा दीक्षित को प्रधानमंत्री ने अपनी सबसे छोटी दोस्त बताया था। पीएम ने इस लिटिल ग्रीन वॉरियरपर्यावरण जागरूकता के अच्छे कार्य को इसी तरह जारी रखने को भी कहा था। प्रधानमंत्री ने उस दौरान एक तस्वीर पोस्ट कर लिखा था- ‘सात लोककल्याण मार्ग पर अपनी युवा दोस्ता ईहा दीक्षित के साथ। वह बाल शक्ति पुरस्कार पाने वाले विजेताओं में सबसे युवा है।’उनकी इस तस्वीर को खूब पसंद किया गया था।
अपनी बातों से सबका दिल जीत चुकी है ईहा
इस मुलाकात के दौरान पीएम ने ईहा से पूछा कि इतने छोटे प्लांट लगाती हो। इस पर ईहा ने कहा कि मैं तो बड़े लगाती हूं, स्टाफ ने छोटा प्लांट दिया, मैं क्या करूं। मैं छोटे प्लांट लगाने की टिप्स दूंगा ताकि वो बड़े हो जाएं। ईहा बोली मैं फॉलो करूंगी। वहीं पीएम ने मुस्कुराते हुए कहा कि "इस बच्ची को सुनकर मेरी कुर्सी को खतरा है। ये मेरी तरह बनेगी या बड़े पद पर जाएगी"।
अब मटके लगाने का काम कर रही है ईहा
ईहा ने भी बताया था कि-जब वह पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिली थी तो उन्होंने मटका थिम्बक पद्धति के बारे में बताया था। उन्होंने बताया था कि पुराणों में इस विधि का वर्णन हैं। अभी तक लगभग पचास पौधों में विभिन्न स्थानों पर उन्होंने पौधों के साथ मटके लगा दिए हैं। इसके साथ ही पहले लगाए गए पौधों में भी बारी-बारी से मटके लगाने का काम चल रहा है।