कामयाबी नाम है एक ऐसे जज्बे का जिसे किसी बैसाखी की जरूरत नहीं होती है। यही बात साबित की डांसिंग क्वीन सुभरीत कौर ने, जो अपने एक पैर के सहार उस मुकाम तक पहुंच गई हैं जहां पहुंचना हर किसी की बात नहीं है। छोटी उम्र में ही एक पैर खाेने के बाद उन्हे जिंदगी के हर मोड़ पर संघर्ष करना पड़ा, लेकिन सुभरीत कौर ने अपनी हिम्मत को नहीं हारने दिया। International Dancing day के माैके पर आप हम आपकाे dancing queen के नाम से मशहूर सुभरीत के हौंसले की कहानी बताने जा रहे हैं।
शुभ के डांस को देखकर ही उन्हे इंडियाज गॉट टैलेंट टीवी शो में चुना गया। इसके साथ ही सलमान खान ने भी एक रिएलिटी शो के दौरान शुभ की तारीफ करते हुए कहा था की "वाह यार, सलाम है, कमाल है। साल 2015 में वह झलक दिखला जा सीजन 8 में प्रतियोगी बनीं और जजों को खूब प्रभावित किया। पंजाब के संगरूर जिले के झुंडन गांव की सुभरीत कौर को बचपन से ही डांस का शौक था, लेकिन एक हादसे ने उनका बर्बाद कर कर दिया।
वर्ष 2009 को सुभरीत का एक खतरनाक एक्सीडेंट हुआ, जिसके चलते उनके पैर में इन्फेक्शन हो गया। डॉक्टरों की गलती के कारण उनकी सेंसेशन नस डैमेज हो गई। इस वजह से शुभरीत ने अपना एक पैर खो दिया। 7 लाख रुपए खर्च कर शुभरीत कौर की मां ने उसका ऑपरेशन करवाया। वह बताती है कि उनकी मां ने उनसे वादा किया था कि "मैं तुझे ऐसे बेड में मरने नहीं दूंगी, मैं तुझे खड़ा करूंगी"। डांसिंग क्वीन के मुताबिक मां की हिम्मत के कारण ही वह इस मुकाम तक पहुंच पाई हैं।
उनकी मां का कहना है कि जीवन सुंदर है और इसे खुलकर जियो। जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते है लेकिन उन चुनौतियों का सामना कर आगे बढ़ने में ही समझदारी हैं। यही प्रेरणा, प्यार और चुनौती हमेशा उसे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं। एक साल तक बेड पर पड़े रहने के बाद सुभरीत ने अपने पैरों पर खड़ा होना सीखा और बैसाखी के सहारे चलना शुरु किया। हालांकि इस दौरान उन्हे दर्दभी होता था और कई बार तो खून भी निकल आता था, उसने अपना साहस नहीं छोड़ा और अपने डांस के पैशन को बरकरार रखा।