ड्राइव करते हुए महिलाओं को कहा जाता है कि वह सावधानी बरतें क्योंकि माना जाता है कि महिलाएं अच्छी ड्राइवर नहीं होती है। इस बात को गलत साबित किया भारत महिला ब्राइकर्स जो न केवल देश में बल्कि विदेश में भी बाइक पर यात्रा करती हैं। आज हम आपको ऐसी ही एक महिला ब्राइकर डॉ. सरिता मेहता के बारे में बताने जा रहे है जिसने न केवल देश-विदेश में बाइक पर यात्रा की बल्कि महिला ब्राइकर्स का ग्रुप भी शुरु किया। सरिता 25 देशों की सफल यात्रा कर चुकी हैं। वह डब्ल्यूएचओ की बाइक राइड्स में भारत का प्रतिनिधित्व भी करती है।
पूरा किया 25 देशों के सफर का मिशन
25 देशों की यात्रा के मिशन को पूरे करने के लिए डॉ. सारिका को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इस दौरान उन्होंने न केवल मौसम बल्कि ठहरने आदि कई तरह की मुश्किलों का सामना पड़ा। इस यात्रा में उनके साथ रुताली पटेल और जीनल शाह भी थी। इस दौरान सबसे अधिक समस्या आती थी भाषा की क्योंकि कुछ देशों में लोगों को इंग्लिश समझ नहीं आती थी। चीन में उन्हें वहां के साइन बोर्ड, भाषा हमें समझ नहीं आ रही थी और लोग भी आगे मदद के लिए नहीं आए। वहां पर उनका लाइसेंस और नंबर प्लेट माननीय नहीं थी जबकि इंटरनेशनल ड्राइविंग नियम के अनुसार उन्होंने बनाया गया था। इसके बाद उन्होंने कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, रुस, मास्को,लातिविया, लिथुवानिया, पोलैंड होकर जर्मनी, फ्रांस, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रिया,नीदरलैंड्स, पेरिस और फिर बार्सिलोना पहुंच कर पंद्रह अगस्त को झंडा फहराया। इस तरह से उन्होंने एक नया रिकॉर्ड कायम किया। इससे पहले भी वह एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवा चुकी है।
एवरेस्ट बेस कैंप तक बाइक पर गई
डॉ. सारिका न केवल एक बाइकर बल्कि एक माउंटेनियर भी है। वह एवरेस्ट बेस कैंप तक बाइक पर गई। तिब्बत पहुंचने के बाद उन्हें पता लगा कि वह बेस कैंप तक बाइक पर जा सकती है अगर उनका शरीर उनका साथ दें क्योंकि 8500 मीटर ऊपर जाने के लिए काफी ऑक्सीजन चाहिए होती है। इस दौरान भी सारिका ने हिम्मत नहीं हारी और इस चैलेंज को पूरा किया। जिसके बाद वह भारत की पहिला महिला बन गई जो बेस कैंप तक बाइक पर गई। इस दौरान उन्हें तूफान, बदलते मौसम, सड़क ब्लॉक आदिक कई समस्याओं का सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
महिला सम्मान के लिए की थी पहली राइड
डॉ. सारिका के ग्रुप ने पहली राइड सूरत से सिंगापुर तक की थी जिसमें उन्होंने 10 देशों में प्रधानमंत्री के बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं के अभियान के बारे में जानकारी दी थी। इसके बाद पूरे भारत में सशक्त नारी, सशक्त भारत का संदेश दिया था। इस दौरान उन्होंने कई महिलाओं से बातचीत की और इस बारे में जानकारी दी।
शुरु की बाइकिंग क्वीन संस्था
डॉ. सारिका ने सूरत में बाइकिंग क्वीन चैरिटबेल संस्था शुरु की है। इसी ट्रस्ट की ओर से वह पिछले कई सालों से भारत का यूएन में प्रतिनिधित्व कर रही है। इस ग्रुप में 50के करीब महिलाएं है जो बाइक चलाती है।
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