कैंसर एक ऐसी समस्या है जो हर किसी को होती है। समय के साथ-साथ महिलाओं के शरीर में हार्मोन्स का बदलाव होता है। जिसकी वजह से उन्हें बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। वैसे तो कैंसर बहुत से लोगों को होता है। लेकिन कुछ कैंसर सिर्फ महिलाओं को ही होते हैं जैसे- गर्भाशय का कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर । शोध के मुताबिक, जिन महिलाओं का वजन ज्यादा होता है उनके गर्भाशय में कैंसर होने का खतरा रहता है। तो चलिए जानते हैं कि इसके बारे में क्या कहती है रिसर्च...
रिसर्च के मुताबिक
वैज्ञानिकों के अनुसार की गई रिसर्च के अनुसार, जिन महिलाओं का बीएमआई(BMI) 5 प्वाइंट से ज्यादा होता है उनके शरीर में गर्भाशय के कैंसर का खतरा 88% होता है। शरीर में वजन बढ़ने के कारण शरीर में पाए जाने वाले दो मुख्य हार्मोन्स इंसुलिन और टेस्टोस्टेरोन के लेवल पर असर पड़ता है जिसकी वजह से शरीर में बीमारियां बढ़ सकती हैं।
गर्भाश्य के कैंसर को एंडोमेट्रियल भी कहते हैं। जैसै-जैसे गर्भाश्य की कोशिकाएं असामान्य तरीके से बढ़ने लगती है तो कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। हर साल बहुत सी महिलाएं इस बीमारी का सामना करती हैं। इस बीमारी का मुख्य कारण वजन बढ़ने होता है। आप इस बीमारी से बचने के लिए अपने खान-पान का खास ध्यान रखें । आप बैंलेस डाइट से भरपूर भोजन अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
क्या है इस कैंसर के लक्षण
. पीरियड्स में ज्यादा खून का आना
. बिना किसी कारण के वजन बढ़ना
. यूरिन पास करते समय खून का आना
. मेनोपोज के बाद भी ब्लीडिंग होते रहना
कैंसर के कारण
. मोटापा
. डायबिटीज
. 55 की उम्र के बाद मेनोपोज का शुरु होना
. हार्मोन्स का बदलाव
आपको बता दें कि जिनके बॉडी का मास इंडैक्स 18-25 के अंदर होता है उनके शरीर एकदम स्वस्थ होता है। जिनका बॉडी इंडैक्स 25-30 होता है उनका वजन अधिक माना जाता है। वहीं 30 से ज्यादा बॉडी इंडेक्स वाले लोग मोटापे का शिकार माने जाते हैं।