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आज भी भगवान शिव करते हैं Kailash Parvat पर निवास, गूंजती है डमरू और ऊँ की आवाजें

  • Edited By Charanjeet Kaur,
  • Updated: 28 Sep, 2023 10:13 AM
आज भी भगवान शिव करते हैं Kailash Parvat पर निवास, गूंजती है डमरू और ऊँ की आवाजें

तिब्बत में स्थित कैलाश पर्वत का हिंदू ग्रंथों में विशेष उल्लेख है। कहते हैं कि कैलाश पर्वत भगवान का निवास स्थान है, यहां पर व अपने पूरे परिवार के साथ रहते हैं। इस पर्वत से जुड़े कई सारे रहस्य भी हैं। लोगों का मानना है कि यहां कई चमत्कार होते रहते हैं। कोई भी व्यक्ति अभी तक इस पर्वत की चढ़ाई नहीं कर पाया है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव आज भी कैलाश पर्वत पर अपने परिवार के साथ निवास करते हैं। उनके साथ कई देवी- देवताओं और मुनियों का भी निवास स्थान है, जिस वजह से कोई भी आम इंसान नहीं जा सकता है। कैलाश पर्वत पर चढ़ने के लिए खास सिद्धु की जरूरत होती है। ऐसा इंसान जिसने कभी पाप ना किया हो, वो ही इस पर्वत पर जिंदा चढ़ सकता है। अब तो कैलाश पर्वत की चढ़ाई करने मना है, पर जिन्होंने पहले भी जिसने पर्वत पर चढ़ाई करनी की कोशिश की है, वो नाकाम रहे हैं।

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गूंजती है डमरू और ऊँ की आवाज

स्थानीय लोगों का कहना है कैलाश पर्वत के आसपास डमरू और ऊँ की आवाज सुनाई देती है। यहां आने वाले दर्शनार्थी और पर्यटक भी ये आवाज सुनते हैं। ये आवाजें कहां से आती है, ये बात तो राज ही है। हालांकि वैज्ञानिकों का मानना है कि पहाड़ पर मौजूद बर्फ से हवा के टकराने से ये ध्वनि उत्पन्न होती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कैलाश पर्वत पर अलौकिक शक्ति का वास है। यहां पुण्य आत्माएं रहती हैं। इसे स्वर्ग का द्वारा भी कहा जाता है। कई तपस्वी आज भी यहां तप करते हैं, उन्हें खलल न पड़े इसलिए कोई व्यक्ति ऊपर नहीं जा सकता। अगर कोई शख्स ऊपर चढ़ने की कोशिश भी करता है, तो कोई न कोई अड़चन जरूर आ जाती है, या फिर उसकी मौत हो जाती है।

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बौद्ध और जैन धर्म का भी पवित्र स्थल है कैलाश पर्वत

हिंदुओं के अलावा कैलाश पर्वत बौद्ध और जैन धर्म के लोगों के लिए धार्मिक स्थल हैं। जैन धर्म में इस क्षेत्र को अष्टापद कहा गया है। वहीं बौद्ध धर्म के अनुयायी इसे बुद्ध का निवास स्थान मानते हैं। बुद्ध के डेमचौक रूप को कैलाश पर्वत से ही निर्वाण मिला था। कैलाश पर्वत की धार्मिक मान्यताओं को देखते हुए चीनी  सरकार ने इस पर चढ़ने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है।

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