आज के समय में महिलाएं हर क्षेत्र में मेहनत करके आगे बढ़ रही है और अपने कार्य को पूरी निष्ठा और मेहनत से करके सफलता को हासिल कर रही हैं। आज हम आपको बताएंगे एक ऐसी महिला के बारे में जिन्होनें अपना खुद का पहला कैफे कश्मीर में शुरु किया और इससे हमारे देश की सभी महिलाओं को एक प्रेरणा भी मिला रही है।
कौन है मेहविश मेहनाज जरगर?
मेहविश मेहनाज जरगर सेंट्रल यूनिवर्सिटी से लॉ में ग्रेजुएशन की है। उन्होंने श्रीनगर में अपना खुद का कैफे शुरु किया है। इस कैफे का नाम मी एंड यू है। जब उन्होंने यह कैफे साल शुरु किया था तब उनकी उम्र 25 साल थी। आपको बता दें कि ये श्रीनगर का पहला ऐसा कैफे है जिसे कोई महिला चलाती है, जहां एक तरफ कश्मीर में आंतकवाद, अलगाववाद जैसे मुद्दे हावी रहते हैं, वहां पर मेहविश मेहनाज ने अपना खुद का कैफे खोला और बिना किसी डर के उसे चला रही हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि शुरुआत में जब यह कैफे उन्होंने खोला था तब उन्हें सारी परेशानियों का सामना करना पड़ था, लेकिन धीरे-धीरे स्थानीय लोग भी इस कैफे में आने लगे। फिर यह कैफे लोगों के बीच चर्चा में आ गया।
क्यों शुरु किया ये कैफे?
मेहविश के पिता की मौत कैंसर से हो गई थी, इसके बाद उनके घर में कोई भी व्यक्ति नहीं था जो परिवार की आर्थिक परेशानियों को कम कर पाए। इस कारण से मेहविश ने परिवार की आर्थिक समस्याओं को हल करने के लिए कैफे शुरु किया। आपको बता दें कि उनके भाई ने इस कैफे को खोलने में उनकी मदद भी की थी। उन्होनें एक इंटरव्यू में यह भी बताया था कि लोगों को यह भी लगता था कि श्रीनगर जैसी जगह पर कोई महिला कैफे कैसा चला सकती है, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और इस कैफे को बेहतरीन बनाने के लिए कई सारे प्रयास किए।
जिसके बाद लोगों को भी इस कैफे में आना बहुत अच्छा लगने लगा। आपको बता दें कि इस कैफे में कई सारी सुविधाएं हैं और लोगों को यहां आना काफी पसंद है क्योंकि यहां पर बहुत शांत माहौल भी रहता है। इस कैफे से उन्होंने खुद को आगे बढ़ाया है और अपने परिवार की आर्थिक मदद करने के साथ-साथ वह एक इंडिपेंडेंट वुमन बन गई हैं। उनकी इस सफलता से कई सारी महिलाओं को भी इंस्पिरेशन मिलती है।