नारी डेस्क: सीरिया की राजधानी दमिश्क में रविवार को एक बड़ा आतंकी हमला हुआ। द्वेइला इलाके में स्थित मार एलियास चर्च में उस समय आत्मघाती धमाका हुआ, जब चर्च के भीतर सैकड़ों लोग प्रार्थना कर रहे थे। इस हमले में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं।
कैसे हुआ हमला?
प्रत्यक्षदर्शियों और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रविवार की सुबह चर्च के अंदर एक आत्मघाती हमलावर घुसा। उसने पहले गोलीबारी की और फिर विस्फोटक जैकेट से खुद को उड़ा लिया। यह हमला इतना जबरदस्त था कि चर्च की दीवारें हिल गईं, और अंदर मौजूद लोगों में भगदड़ मच गई। घटना के समय चर्च में करीब 400 से अधिक लोग मौजूद थे।
तस्वीरें बयां कर रहीं भयावहता
घटना के तुरंत बाद सामने आई तस्वीरों में देखा जा सकता है। चर्च में खून के धब्बे, फर्श पर बिखरा सामान, और क्षतिग्रस्त मूर्तियां और दीवारें साफ़ नजर आ रही हैं। यह धमाका बेहद शक्तिशाली था, जिससे चर्च का एक हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो गया।
ISIS पर शक
सीरिया के गृह मंत्रालय ने शुरुआती जांच में दावा किया है कि इस हमले के पीछे आतंकी संगठन आईएसआईएस (ISIS) का हाथ हो सकता है। हालांकि, अब तक किसी भी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
सरकारी बयान में कहा गया -“हमलावर ने चर्च में घुसकर पहले गोलीबारी की और फिर विस्फोटक जैकेट से खुद को उड़ा लिया।”
पादरी की आपबीती
चर्च के पादरी ने घटना का वर्णन करते हुए बताया- “हम प्रार्थना कर रहे थे, तभी बाहर गोलियों की आवाज़ सुनाई दी। लगभग दो मिनट तक फायरिंग होती रही। फिर दो हमलावर अंदर घुसे और अचानक धमाका हो गया।” उन्होंने कहा कि अगर हमला कुछ मिनट बाद होता तो और बड़ी त्रासदी हो सकती थी, क्योंकि उस वक्त पूरे चर्च में भीड़ थी।
राहत और बचाव कार्य जारी
हमले के तुरंत बाद घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। दमिश्क पुलिस और सेना ने इलाके को घेर लिया है। फोरेंसिक और आतंकवाद-रोधी टीमें जांच में जुट गई हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निंदा
इस आत्मघाती हमले की दुनिया भर में निंदा हो रही है। धार्मिक स्थल पर हुआ यह हमला धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला माना जा रहा है। कई देशों ने सीरिया के लोगों के प्रति संवेदना जताई है और आतंक के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया है।
यह हमला सीरिया के हालात और वहां फैले आतंक के खतरे को फिर से उजागर करता है। चर्च जैसे पवित्र स्थल पर हमला न सिर्फ वहां के नागरिकों के लिए बल्कि पूरी मानवता के लिए एक चेतावनी है। सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह चुनौती है कि ऐसी घटनाओं को दोहराया न जाने पाए।