19 NOVTUESDAY2024 7:02:45 PM
Nari

सुष्मिता सेन की इंस्पायरिंग स्टोरी:  डिजाइनर ने नहीं पेटीकोट सिलने वाले टेलर ने तैयार की थी Miss India की ड्रेस

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 19 Nov, 2024 05:08 PM
सुष्मिता सेन की इंस्पायरिंग स्टोरी:  डिजाइनर ने नहीं पेटीकोट सिलने वाले टेलर ने तैयार की थी Miss India की ड्रेस

नारी डेस्क: बॉलीवुड की जानी-मानी एक्ट्रेस, सुष्मिता सेन आज अपना  49वा बर्थडे मना रही है। सुष्मिता एक ऐसा चेहरा है जो कभी इंडस्ट्री से कभी गायब ही नहीं हुआ। वह सालों से अपनी एक्टिंग के जरिए लोगों के दिलों में एक खास जगह बनाई बैठी है। उन्होंने  1994 यानी कि 30 साल पहले  मिस यूनिवर्स का खिताब जीतकर भारत का नाम रोशन किया था। उनके आत्मविश्वास, बुद्धिमता, और विचारशीलता ने उन्हें न केवल खिताब दिलाया, बल्कि उन्हें हर किसी का प्रिय बना दिया था। आइए जानें उस सवाल और उनकी अद्भुत यात्रा के बारे में।

PunjabKesari
उस समय 18 साल की  सुष्मिता सेन से सवाल किया गया था कि- "आपके लिए महिला होने का सार क्या है?" जवाब में उन्होंने कहा था- "औरत होना भगवान का एक खूबसूरत तोहफा है, जिसकी हम सभी को सराहना करनी चाहिए। एक बच्चे का जन्म एक मां से होता है, जो एक औरत है। वह एक आदमी को दिखाती है कि देखभाल और प्यार करना क्या होता है। यही एक औरत होने का सार है।" उनके विचार ने यह साबित किया कि महिलाएं अपनी बुद्धिमता और भावनात्मक मजबूती से दुनिया को बदल सकती हैं। 

PunjabKesari
सुष्मिता सेन ने यह साबित किया कि आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता ही किसी भी प्रतियोगिता को जीतने की कुंजी है।  उन्होंने महिलाओं को यह सिखाया कि वे किसी भी क्षेत्र में सफल हो सकती हैं, चाहे परिस्थितियां कितनी भी कठिन क्यों न हों। शायद  यह बात बहुत कम लोग जानते हों कि जिस ब्लैक गाउन को पहनकर उन्होंने मिस इंडिया का खिताब जीता था, वो कोई डिजाइनर गाउन नहीं था। यह ड्रेस सुष्मिता सेन ने सरोजनी नगर के एक लोकल टेलर से सिलवाया था, जो उस वक्त एक गैराज में बैठकर कपड़े सिलता था।

PunjabKesari
सुष्मिता ने एक इंटरव्यू में कहा था- 'हमारे पास बहुत ज्यादा पैसे नहीं थे कि हम डिजाइनर गाउन सिला सकते। हमें चार अलग-अलग कॉस्ट्यूम पहनने थे। मेरी मां ने कहा, तो क्या हुआ? वे तुम्हारे कपड़े नहीं देख रहे, बल्कि तुम्हें देख रहे हैं।' हम दिल्ली के सरोजिनी नगर मार्केट में गए और सीढ़ियों के नीचे एक गैराज में टेलर को ड्रेस स्टिच करने को दिया, जो पेटीकोट सिलता था। हमने उसे ड्रेस मटीरियल देते हुए कहा कि यह टीवी पर आएगा, इसीलिए अच्छी तरह से सिलाई करना। उस टेलर ने उस कपड़े से मेरा विनिंग गाउन तैयार कर दिया और मेरी मां ने बचे हुए कपड़े से मेरे लिए रोज तैयार कर दिया।'

PunjabKesari
सुष्मिता ने आगे बताया-  'ग्लव्स के लिए हमने मोजे काटकर इस्तेमाल किए और उसमें लास्टिक लगा दी। जिस दिन मैंने वह गाउन पहनकर मिस इंडिया टाइटल जीता, वह मेरे लिए बहुत बड़ा दिन था। मैंने महसूस किया कि हम जो वास्तव में चाहते हैं, उसके लिए हमें पैसों की जरूरत नहीं होती। बस हमारी इंटेंशन सही होनी चाहिए।' सुष्मिता सेन की मिस यूनिवर्स की जीत केवल एक खिताब नहीं थी, बल्कि यह हर लड़की के लिए एक प्रेरणा थी कि अगर आपके पास आत्मविश्वास, दृढ़ता, और सही दृष्टिकोण है, तो आप किसी भी चुनौती को पार कर सकते हैं। उनके जवाब, उनकी सोच, और उनकी साधारण शुरुआत ने दुनिया को यह सिखाया कि सच्ची खूबसूरती आत्मा और विचारों में होती है।

Related News