रविवार के दिन सूर्य देव के नाम होता है। सप्ताह के इस दिन विधि - विधान से भास्कार देव की अराधना का व्रत रखने से सभी तरह के शारीरिक परेशानियों से छुटकारा और सुख सौभाग्य की प्राप्ति होती है। भास्कर देव को नवग्रहों का राजा माना गया है। भास्कार देव को नवग्रहों का राजा माना गया है। इसलिए नवग्रहों की शांति के लिए सूर्य देव की अराधना का विधान है।
व्रत विधि
व्रत करने के लिए रविवार को सूर्य उदय होने से पहले उठें। स्नान के बाद लाल रंग के वस्त्र धारणकर पूजा घर में सूर्य देव को स्थापित करें। चौकी पर लाल या पीला वस्त्र बिछाकर सूर्य देन की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। विधि विधान से सूर्य देव को स्नान कराकर सुंगध और फूल चढ़ाएं।
पूजा के समय
ओम ह्रां ह्रीं ह्रौ स: सूर्याय नम:मंत्र का उच्चारण करते रहें। इसके बाद तांबे के पात्र में जल, लाल चंदन, अक्षत, लाल फूल और दुर्वा से भास्कर देव को अर्घ्य दें।
पहने लाल रंग और दान करें लाल वास्तु
सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए रविवार को लाल रंग का वस्त्र धारण करना चाहिए। व्रत करने वाला लाल रंग का वस्त्र धारण करें, सूर्य देव को लाल रंग का पुष्प चढ़ाए या लाल रंग की वस्तु दान करें तो भगवान सूर्य जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं।
मीठी रोटी का करें सेवन
रविवार के दिन चीनी या गुड़ से बनी रोटी खाने से घर से सुख समृद्धि बढ़ती है। गुड़ से बनी खीर या गुड़ खाना भी शुभ है।
क्या न करें
रविवार को तांबे की वस्तु नहीं बेचनी चाहिए। काले रंग का वस्त्र नहीं धारण करना चाहिए। नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। सूर्यास्त के बाद खाना नहीं करना चाहिए।