विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, स्ट्रोक दुनिया भर में हो रही मौतों का एक प्रमुख कारण है। ऐसे में इससे बचाव और लोगों में जागरुकता फैलाने की जरुरत है। हाल ही में हुए एक शोध के अनुसार, स्ट्रोक 2050 तक साल की 10 मिलियन मौतों का कारण बन सकता है। स्ट्रोक एक ऐसी खतरनाक बीमारी है इसमें दिमाग के सेल्स तक ब्लड की सप्लाई बंद हो जाती है जिसके कारण उनमें पूरी मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती। इसके चलते सेल्स भी मरने लगते हैं। ऑक्सीजन न पहुंचने के कारण दिमाग में ब्लीडिंग या फिर ऑर्टरी ब्लॉक हो सकती है। तो आइए जानते हैं कौन सी गलतियां इस बीमारी का खतरा बढ़ा रही हैं।
शोध में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
इस शोध में साल 2020 और 2050 के बीच स्ट्रोक के कारण बढ़ते स्वास्थ्य और आर्थिक प्रभावों का अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, 2020 से स्ट्रोक के कारण होने वाली मौते 6.6 मिलियन से बढ़कर 2050 तक बढ़कर 91 फीसदी हो जाएगी। आइए जानते हैं कि कौन-कौन से कारक स्ट्रोक के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं..
खराब लाइफस्टाइल
ज्यादा देर तक ऑफिस में एक जगह बैठकर डेस्क पर बैठकर काम करने के कारण इस बीमारी का जोखिम बढ़ सकता है। नियमित व्यायाम न करने के कारण. मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज जैसी बीमारियां स्ट्रोक का खतरा बढ़ाती हैं।
तंबाकू और शराब का सेवन
धूम्रपान और ज्यादा शराब का सेवन करने के कारण भी स्ट्रोक की समस्या बढ़ा सकती है। तंबाकू रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है तो वहीं ज्यादा शराब पीने के कारण ब्लड प्रेशर हाई हो जाता है जिसके कारण हृदय की गति अनियमित हो सकती है।
नींद की कमी
व्यस्त लाइफस्टाइल के चलते आजकल नींद भी पूरी नहीं हो पाती। नींद पूरी न होने के कारण, मोटापा, डायबिटीज और हृदय संबंधी रोगों का खतरा बढ़ता है जो स्ट्रोक का जोखिम बढ़ाते हैं।
बढ़ता तनाव
बढ़ता तनाव भी कई सारी समस्याओं का बढ़ा रहा है। क्रोनिक तनाव के कारण व्यक्ति धूम्रपान और ओवरइटिंग जैसी आदतों का आदी हो रहा है जिसके कारण हाइपरटेंशन होने लगता है। ऐसे में यह भी स्ट्रोक का कारण बन सकता है।
बढ़ता प्रदूषण
बढ़ता प्रदूषण भी स्ट्रोक का मुख्य कारण है। कारों और कारखानों से निकलने वाला धुआं, स्त्रोत यह महीन कणों जैसे पदार्थ शरीर में सूजन पैदा करते हैं जिसके कारण स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है।
अनहेल्दी डाइट
ज्यादा फास्ट फूड, प्रोसेस्ड मील और हाई शुगर फूड्स का सेवन भी स्वास्थ्य पर गलत प्रभाव डालता है। प्रोसेस्ड फूड्स में नमक ज्यादा मात्रा में मौजूद होता है। इसके अलावा सैचुरेटेड फैट्स और ट्रांस फैट्स हाई कोलेस्ट्रॉल और हाई ब्लड प्रेशर का जोखिम बढ़ाते हैं। दोनों ही स्ट्रोक का मुख्य कारण माने जाते हैं।
एक्सपर्ट्स ने बताया कि यदि स्ट्रोक का यदि कोई भी लक्षण शरीर में दिखे तो उसे इग्नोर नहीं करना चाहिए और डॉक्टर्स की सलाह जरुर लेनी चाहिए। डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों को शुरुआत में कंट्रोल करके स्ट्रोक का जोखिम कम किया जा सकता है।