कंसीव करने के बाद प्रेग्नेंसी के 9 महीनें बहुत ज्यादा मुश्किल होते हैं। इन 9 महीनों में शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं जिनका असर मानसिक स्वास्थय पर भी पड़ता है। कुछ महिलाओं को प्रेग्नेंसी में गुस्सा और चिड़ाचिड़ापन ज्यादा महसूस होता है। हर महिला के लिए प्रेग्नेंसी का समय बहुत खास होता है। इस दौरान शरीर में कई बदलाव आते हैं जिनकी वजह से तनाव, गुस्सा, चिड़चिड़ापव और चिंता महसूस होना बहुत नार्मल बात है, लेकिन मां जो भी महसूस करती है, बच्चे पर भी उसका सीधा असर पड़ता है। प्रेग्नेंसी में ज्यादा गुस्सा करना बच्चे की सेहत के लिए सही नहीं होता है और समय रहते ही इसे कंट्रोल करना बहुत जरुरी है। अगर आप भी प्रेगनेंट हैं और आपको बार-बार गुस्सा आ रहा है तो यहां जान लीजिए इसके कारण गुस्सा और गुस्से का कम करने के उपायों के बारे में....
प्रेग्नेंसी में ज्यादा गुस्सा करना बच्चे की सेहत के लिए सही नहीं है और समय रहते ही इसे कंट्रोल करना बहुत जरुरी है। अगर आप भी प्रेग्नेंट हैं और आपको बार-बार गुस्सा आ रहा है तो यहां जान लीजिए इसके कारण और गुस्सा को कम करने के उपायों के बारे में...
प्रेग्नेंसी में गुस्सा आने का कारण
प्रेग्नेंसी में हार्मोन के स्तर में उतार-चढ़ाव आता रहता है। प्रेग्नेंसी में हार्मोनल बदलाव के कारण मूड स्विंग्स ट्रिगर हो सकते हैं जिसमें गुस्सा आना शामिल है। इसके अलावा नींद की कमी, पर्याप्त मात्रा में आराम न मिलना या काम का बोझ की वजह से प्रेग्नेंसी में तनाव के कारण गुस्सा आ सकता है। इसके अलावा डिलीवरी या बच्चे की सेहत को लेकर हो रहे डर की वजह से भी गुस्सा आ सकता है। प्रेग्नेंसी में आने वाले बदलावों और पीड़ा के कारण थोड़ी मात्रा में असहज महसूस होना सामान्य बात है। प्रेग्नेंसी में होने वाली जी मतली और थकान आदि के कारण भी गुस्सा आ सकता है।
क्या गुस्से में पेट में पल रहे बच्चे पर भी असर पड़ता है?
प्रेग्नेंसी में ज्यादा गुस्सा करने की वजह से हाई बीपी, हार्ट रेट बढ़ने, एनिनेफ्रिन और एड्रेनसलाइन जैसे हार्मोनों के बढ़ने की वजह से रक्त वाहिकाएं संकुचित हो सकती हैं। इससे भ्रूण तक ऑक्सीजन और खून की आपूर्ति घट जाती है जो बच्चे के विकास के लिए हानिकारक साबित हो सकती है। प्रेग्नेंसी में लंबे समय तक गुस्सा आना या बहुत ज्यादा गुस्सा आना कुछ हद तक जटिलाएं पैदा कर सकता है। इसकी वजह से डिलीवरी के बाद तक परेशानी हो सकती है। ऐसा माना जाता है कि प्रेग्नेंसी में बार-बार गुस्सा करने की वजह से बच्चे का जन्म के समय वजन कम होने, प्रीमैच्योर डिलीवरी, बच्चे में चिड़चिड़ापन और डिप्रेशन का खतरा हो सकता है।
प्रेग्नेंसी में गुस्सा कम करने के उपाय
1. प्रेग्नेंसी में पौष्टिक और संतुलित आहार लेना चाहिए। प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, हरी पत्तेदार सब्जियां और फल खाएं। इससे प्रेगनेंसी में थकान से लड़ने में मदद मिलेगी और मूड अच्छा रहेगा।
2. प्रेग्रेंसी में हल्के व्यायाम और नियमित पैदल चलना जरुरी है। मूड स्विंग्स और गुस्सा को कंट्रोल करने के लिए एक्टिव और फिट रहें।
3. प्रेगनेंट महिला को गुस्से और स्ट्रेस से लड़ने के लिए ध्यान करना चाहिए। गहरी सांस लेने वाली एक्सरसाइज जैसे कि प्राणायम और अनुलोम-विलोम आदि करें।
4. शारीरिक और मानसिक रुप से रिलैक्स करने के लिए शरीर की हल्की मालिश करें। बेहतर होगा कि आप प्रेगनेंसी में किसी भी तरह की बहस और झगड़े से दूर रहें।
5.प्रेगनेंसी के दौरान रात में पर्याप्त नींद लेना बहुत जरुरी है। नींद की कमी के कारण चिड़चिड़ापन और गुस्सा हो सकता है।