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महिलाओं को क्यों हो रही Strawberry Cervix की समस्या, इलाज में देरी बन ना जाए कैंसर

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 06 Mar, 2021 12:09 PM
महिलाओं को क्यों हो रही Strawberry Cervix की समस्या, इलाज में देरी बन ना जाए कैंसर

भारतीय महिलाओं में आजकल स्ट्रॉबेरी सर्विक्स (strawberry cervix) की समस्या काफी देखने को मिल रही है, जिसे मेडिकल भाषा में कॉलपिट्स मैकुलैरिस (colpitis macularis) भी कहा जाता है। हालांकि ज्यादातर महिलाएं आज भी इस बीमारी से अंजान है, जिसके कारण वो समय रहते इलाज नहीं करवा पाती और बीमारी गंभीर रूप ले लेती है।

क्या है स्ट्रॉबेरी सर्विक्स?

योनि के अंदर तक फैला सर्विक्स यूट्रस का निचला हिस्सा होता है। जब सर्विक्स की सतह में असहजता, खुजली या छोटे लाल चकत्ते उभर आते हैं तो उन्हें स्ट्रॉबेरी सर्विक्स कहा जाता है। यही लाल चकत्ते छोटे रक्तस्त्राव होते हैं। मरीज स्ट्रॉबेरी सर्विक्स को खुद नहीं देख सकते जबकि डॉक्टर भी रूटीन पेल्विक एग्जामिनेशन के दौरान इन्हें आसानी से पकड़ नहीं पाते। मॉर्डन लाइटेट मैग्निफाइंग इक्विपमेंट यानि कोलपोस्कोप (colposcope) द्वारा ही इसकी जांच की जाती है।

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बीमारी के कारण होने वाले लक्षणों पर डालें एक नजर

. पीला, ग्रे, हरा या फिशी वैजाइना डिस्चार्ज
. पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द
. बार-बार और पेशाब करते समय दर्द होना
. वाल्वा में लालपन
. वजाइना में जलन, खुजली और सेंसविटी
. संबंध बनाते समय तेज दर्द
. पीरियड्स के बीच दर्द होना
. प्राइवेट पार्ट से बदबू आना
. क्रिमी और बबली डिस्चार्ज का होना

वहीं कई बार इसमें महिला को ट्राइकोमोनिएसिस बीमारी जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं।

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इन कारणों से होती है स्ट्रॉबेरी सर्विक्स की समस्या

1. यह बीमारी सेक्शुअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शन. प्रोटोजोआ (protozoan ), ट्राइकोमोनास वेजिनेलिस (Trichomonas vaginalis) के कारण होती है। यह 5 से 28 दिनों तक इंफेक्शन फैला सकते हैं।
2. इसके अलावा... असुरक्षित वैजाइना, ओरल संबंध बनाना, एक से अधिक पार्टनर के साथ संबंध बनाना और जिन्हें पहले भी ट्राइकोमोनिएसिस बीमारी हुई हो उन्हें भी इसका खतरा अधिक रहता है।

जानें इस बीमारी का एक्सपर्ट कैसे लगाते हैं पता?

लक्षणों के आधार पर डॉक्टर  वेट माउंट (wet mount), विफ टेस्ट (whiff test) , पीएच लेवल टेस्ट (pH-level test:) करवाने की सलाह देते हैं।

संभावित जटिलताओं पर भी डालें नजर

अगर समय रहते इस बीमारी का इलाज ना करवाया जाए तो इससे HIV, सर्वाइकल कैंसर (cervical cancer), ट्यूबल इनफर्टिलिटी (tubal infertility) का खतरा रहता है। अगर ट्यूबल में किसी तरह बाधा हो तो उससे अंडे और शुक्राणु का मिलन नहीं हो पायेगा, जिससे निषेचन की प्रक्रिया पूरी नहीं होगी और इससे महिलाएं कंसीव नहीं कर पाएंगी।

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प्रेगनेंसी पर डालता है कैसा असर?

गर्भवती महिलाओं को स्ट्रॉबेरी सर्विक्स की बीमारी हो तो उससे प्रीमेच्योर डिलीवरी की संभावना रहती है। साथ ही इससे भ्रूण के वजन पर भी असर पड़ता है और प्रेगनेंसी में इंफेक्श की समस्या भी रहती हैं। इसके कारण गर्भवती को सांस लेने में दिक्कत, बुखार, यूटीआई की समस्या हो सकती है। ध्यान रखें कि अगर आप प्रेगनेंट है तो इसके लिए कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।

बीमारी का ट्रीटमेंट और क्या करें व क्या नहीं?

सामान्य तौर पर टिनिडाजोल (tinidazole) और ओरल एंटीबायटिक्स मेट्रोनिडाजोल (metronidazole) दवाओं से इसका इलाज किया जाता है लेकिन यह मरीज की स्थिति पर निराधित करता है। ध्यान रखें कि दवा लेने के 24 से 72 घंटों तक शराब ना पीएं। नहीं तो इसका अल्टा असर हो सकता है। साथ ही इस बीमारी के साथ संबंध बनाने से बचें क्योंकि इससे इंफेक्शन बढ़ सकता है।

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