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लगातार पेट में हो रहे दर्द को ना करें अनदेखा, Stomach Cancer का हो सकता है संकेत

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 18 Jan, 2021 09:46 AM
लगातार पेट में हो रहे दर्द को ना करें अनदेखा, Stomach Cancer का हो सकता है संकेत

पेट या आमाशय का कैंसर, भारत में मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है लेकिन बावजूद लोग इससे अंजान है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हर साल गैस्ट्रिक कैंसर के 50,000 नए मामले सामने आते हैं, जिसमें से 90-95% मामले एडेनोकार्सिनोमा रूप में उत्पन्न होता है। इस तरह के कैंसर का इलाज काफी मुश्किल होता है, खासकर जब बीमारी का पता लास्ट स्टेज पर चला हो।

पेट के कैंसर के प्रकार

. एडेनोकार्सिनोमा (adenocarcinoma); सबसे आम उपप्रकार (90-95%)
. गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्ट्रोमल ट्यूमर (GIST)
. न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर (NET)
. लिम्फोमा

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किन कारणो से होता है पेट का कैंसर ?

यह पाचन तंत्र के अंदर कैंसर युक्त कोशिकाएं बढ़ने के कारण होता है, जो अनियंत्रित होकर ट्यूमर का रूप ले लेती हैं और धीरे-धीरे शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैलने लगती है। इसका कारण...

. आनुवांशिक
. पेट में एच पाइलोरी जीवाणु इंफेक्शन
. लिंफोमा (lymphoma) कैंसर
. पेप्टिक अल्सर या क्रोनिक एट्रोफिक गैस्ट्रिटिस
. पेट में पोलिप्स
. एनीमिया, या विटामिन बी12 की कमी
. ली-फ्रामेनी सिंड्रोम (Li-Fraumeni syndrome)
. लिंच सिंड्रोम भी हो सकता है।

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किन लोगों को अधिक खतरा?

. गलत खान-पान, मोटापा, एक्सरासइज ना करना, धूम्रपान-शराब, मांस-मछली का अधिक सेवन, 50 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों को इसका अधिक खतरा होता है।
. इसके अलावा लड़की, कोयला, धातु या रबर उद्योगों में काम कर रहे लोगों को भी ज्यादा सावधान रहना चाहिए।

पेट के कैंसर के लक्षण

. बिना भोजन खाएं पेट भरा-भरा महसूस होना।
. पेट, पसलियों और छाती में अहनीय दर्द  व सूजन
. भोजन निगलने में परेशानी और बार-बार डकार आना।
. सीने में काफी तेज जलन
. पेट फूला हुआ महसूस होना
. अपच, उल्टी और थकान
. शरीर में खून की कमी
. पेट में गांठ जैसा महसूस होना
. काला या रक्तयुक्त मल
. अचानक वजन कम होना

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पेट के कैंसर की जांच

डॉक्टर कैंसर की स्टेज के हिसाब से लैप्रोस्कोपी (Laparoscopy), ऊपरी एंडोस्कोपी (Upper endoscopy)
बायोप्सी (biopsy), पूर्ण रक्त गणना (complete blood count), आनुवांशिक टेस्ट (genetic tests), इमेजिंग टेस्ट (imaging test), सीटी स्कैन, पॉज़िट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी, एक्स-रे द्वारा इसका पता लगाते हैं।

क्या इलाज है संभव

अगर समय रहते संकेतों का पता चल जाए तो डॉक्टर सर्जरी, रेडिएशन थैरेपी, कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी, टीके और दवा देते हैं।

पेट के कैंसर से कैसे रखें बचाव

. लहसुन, प्याज, गाजर, ब्रोकली, फूल गोभी, दाल और फलियों का सेवन कैंसर की कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है, जिससे आप पेट के कैंसर से बचे रहते हैं।
. लंबे समय तक कब्ज, एसिडिटी की समस्या भी इस कैंसर को जन्म देती है इसलिए तुरंत इसका इलाज करें।
. पाचन क्रिया को स्वस्थ रखें। इसके लिए स्वस्थ भोजन खाएं और ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं, ताकि बॉडी डिटॉक्स हो सके।
. वजन को कंट्रोल रखें और फिजिकल एक्टिविटी ज्यादा से ज्याद करें। धूम्रपान, शराब, प्रोसेस्ड फूड्स से जितना हो सके दूर रहें।

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