हर महीनें में 2 प्रदोष व्रत आते हैं। यह व्रत मास शुक्ल की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। मई महीने में वैशाख मास की त्रयोदशी की तिथि सोमवार यानी भगवान शिव जी को समर्पित दिन पड़ रही है। ऐसे में यह व्रत बेहद ही शुभफलदाई होगा। वहीं दिन के मुताबिक इसे अलग-अलग नाम से जाना जाता है। ऐसे में इस महीने का दूसरा प्रदोष व्रत सोमवार को रखा जाएगा तो यह सोम प्रदोष कहलाएगा। तो आइए जानते हैं व्रत का शुभ मुहूर्त, महत्व व पूजा विधि...
शुभ मुहूर्त
प्रदोष व्रत आरंभ 24 मई 2021, सोमवार, सुबह 03:38 मिनट
प्रदोष व्रत समाप्त 25 मई 2021, मंगलवार, सुबह 12:11 मिनट तक
पूजा शुभ मुहूर्त
शिव जी के प्रदोष व्रत की पूजा शाम के समय होती है। ऐसे में पूजा का शुभ मुहूर्त 24 मई 2021 को शाम 07:10 मिनट से रात्रि 09:13 मिनट तक रहेगा।
प्रदोष व्रत का महत्व
मान्यता है कि इस व्रत व पूजा करने से ग्रह-दोषों से छुटकारा मिलता है। भगवान शिव की पूजा करने से शनिदोष से मुक्ति मिलती है। ऐसे में जीवन में जॉब, व्यापार और करियर से जुड़ी परेशानियां दूर होती है। कुंडली में राहु व चंद्रमा के दोषों से भी छुटकारा मिलता है। साथ ही भगवान और पार्वती माता की असीम कृपा मिलने से मनचाहा फल मिलता है।
पूजा विधि
. सुबह नहाकर साफ कपड़े पहन कर व्रत का संकल्प लें।
. प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल यानी सूर्यास्त से 45 मिनट पूर्व और सूर्यास्त के 45 मिनट बाद होती है।
. इस समय शिवजी का अभिषेक करके बेलपत्र चढ़ाएं।
. फिर शिव के मंत्रों का जप करें।
. प्रदोष व्रत की कथा पढ़े या सुनें।
.अंत में आरती करके शिवजी और माता पार्वती को भोग लगाकर सभी को प्रसाद बांटे।