नई-नई तकनीकों के आ जाने से देश में कई चीजें बदल गई हैं। वैज्ञानिकों ने टैक्नॉलोजी का सही इस्तेमाल करके चीजों को आसान बना दिया है। ऐसे ही एक तकनीक वैज्ञानिकों ने खोजी है जिसके जरिए बच्चे बिना अंडे और स्पर्म के पैदा किए जा सकते हैं। इस तकनीक के जरिए विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) बच्चों को आसानी से पैदा किया जा सकेगा। इसके अलावा उन्होंने स्टेम सेल का इस्तेमाल करके सिंथेटिक मानव भ्रूण भी बनाया है अंडे और शुक्राणु की जरुरत पूरी करेगा।
वैज्ञानिकों ने बताए इसके फायदे
इस मॉडल के बारे में बात करते हुए वैज्ञानिकों ने बताया कि - 'हमारा मानव मॉडल पहला तीन वंशीय मानव भ्रूण मॉडल होगा जो एमनियन और जर्म कोशिकाओं, अंडे और शुक्राणु की अग्रदूत कोशिकाओं को निर्दिष्ट करेगा यह काफी आकर्षक है और इसे पूरी तरह से भ्रूण स्टेम सेल के जरिए बनाया गया है।'
क्या है सिंथेटिक भ्रूण?
स्टेम सेल द्वारा बनाया गया सिथेंटिक भ्रूण इस तरह तैयार किया गया है कि इसमें धड़कते हुए दिल और मस्तिष्क की जरुरत नहीं होती। इसमें कुछ ऐसी कोशिकाएं मौजूद हैं जो नाल, जर्दी थैली और भ्रूण का निर्माण करती हैं। एक रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने बताया कि - 'कृत्रिम रुप से बनाए गए यह भ्रूण बार-बार होने वाले गर्भपाते के जैविक कारणों के बारे में भी जानकारी देते हैं। अप्रैल 2021 में द लांसेट नाम के न्यूजपेपर पर प्रकाशित हुई एक खबर के अनुसार, हर साल विश्व स्तर पर 23 मिलियन गर्भपात होते हैं।'
कई और तथ्यों पर भी हासिल की जानकारी
वहीं इस शोध के दौरान वैज्ञानिकों ने मानव विकास के ब्लैक बॉक्स की अवधि को समझने का भी प्रयास कियाष जिसे फर्टिलाइजेशन के बाद 16-17 दिनों की अवधि के बीच और फ्री फ्लोटिंग के एक हफ्ते से ज्यादा समय के बाद संदर्भित किया जाता है। भ्रूण खुद ही गर्भ को इस परत से जोड़ता है। वैज्ञानिकों को वर्तमान में सिर्फ 14 दिनों की कानूनी अवधि तक प्रयोगशाला में भ्रूण को डेवलप करने की अनुमति है। इसके अलावा इस दौरान उन्होंने गर्भवस्था के दौरान स्कैन और अनुसंधान के लिए दान किए गए भूर्णों के देखकर ही इसे शुरु किया जाता है।
वहीं इस पर वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि आप वास्तव में इस स्टेम सेल का इस्तेमाल करके सामान्य मानव भ्रूण विकास का मॉडल तैयार करते हैं तो इस बारे में काफी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं कि हम इसका इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं, क्या यह गलत हो सकता है, अनुसंधान के लिए शुरुआत में भ्रूण का इस्तेमाल किए बिना कैसे हम आगे की प्रक्रिया कर सकते हैं। इस बारे में वैज्ञानिकों ने अपनी प्रतिक्रिया दिखाई है।