माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) सत्या नडेला का कहना है कि- उनके लिए भारत का तीसरा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण प्राप्त करना सम्मान की बात है। उन्होंने कहा कि- वह भारत के लोगों के साथ काम करते रहना चाहते हैं, ताकि उन्हें प्रगति करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने में मदद मिल सके।
गणतंत्र दिवस पर मिला सम्मान
भारत सरकार ने देश के 73वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर नडेला, गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई और टाटा समूह के अध्यक्ष नटराजन चंद्रशेखरन को पद्म भूषण देने की घोषणा की थी। नडेला ने ट्वीट किया- पद्म भूषण पुरस्कार प्राप्त करना और इतने सारे असाधारण लोगों के साथ पहचाना जाना सम्मान की बात है। मैं राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और भारत के लोगों का शुक्रगुजार हूं... भारत के लोगों के साथ काम करते रहने के लिए तत्पर हूं, ताकि अधिक प्रगति के वास्ते प्रौद्योगिकी का उपयोग करने में उनकी मदद कर पाऊं।’’
2014 में बने माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ
हैदराबाद में जन्मे नडेला (54) को फरवरी 2014 में माइक्रोसॉफ्ट का सीईओ बनाया गया था। जून 2021 में उन्हें कम्पनी का अध्यक्ष भी नामित किया गया। सत्या नडेला को ‘क्लाउड गुरु’ भी कहा जाता है. क्लाउड उस सेवा को कहते हैं जो इंटरनेट पर पूरी तरह से चलती है और उससे संबंधित सेवाएं या कंप्यूटर फाइल इंटरनेट के जरिए दुनिया के किसी भी कोने से प्रयोग की जा सकती हैं.
कई बड़े प्रोजेक्ट पर किया काम
एमबीए की डिग्री लेने के बाद नडेला ने 1992 माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ज्वाइन की। यहां उन्होंने कई बड़े प्रोजेक्ट पर काम किया। जिसमें से उन्होंने ऑनलाइन सर्विसेज , advertisment, सॉफ्टवेयर, गेमिंग इन सब पर काम किया और कंपनी को नई दिशा दी। 2014 में जब माइक्रोसॉफ्ट कई तरह की परेशानियों से गुजर रही थी, तो उस समय सत्य नडेला को कंपनी का का सीईओ बनाया गया।
पद्म भूषण प्राप्त करना सम्मान की बात: नडेला
देश के 73वें गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में डिजिटल समारोह के दौरान अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने कहा था कि इस वर्ष, तीन विशिष्ट प्रवासी भारतीय सदस्यों को पद्म भूषण सम्मान के लिए चुना गया है जिनमें भारतीय व्यंजनों को लोकप्रिय बनाने के लिए मधुर जाफरी, प्रौद्योगिकी क्षेत्र में नेतृत्व के लिए सत्य नडेला और सुंदर पिचाई शामिल हैं।