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आज है साल की आखिरी एकादशी, भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए करें ये उपाय

  • Edited By neetu,
  • Updated: 30 Dec, 2021 10:06 AM
आज है साल की आखिरी एकादशी, भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए करें ये उपाय

कई बार कठोर परिश्रम करने के बावजूद में जीवन में सफलता नहीं मिल पाती है। इसके अलावा कई लोगों को सेहत से जुड़ी समस्याएं परेशान करती रहती है। ऐसे में सफला एकादशी का व्रत किसी वरदान से कम नहीं माना जाता है। पौष कृष्ण एकादशी को पड़ने वाला सफला एकादशी का व्रत 2021 का आखिरी व्रत है। मान्यता है कि इस दिन श्रीहरि की व्रत या कुछ उपाय करने से सेहत दुरुस्त रहने के साथ कार्यों में सफला मिलती है। चलिए आज हम आफको सफला एकादशी पर करने वाले कुछ खास उपाय बताते हैं...

श्रीहरि की कृपा पाने के लिए

सफला एकदशी के दिन या शाम को माथे पर सफेद या गोपी चंदन लगाकर ही श्री हरि का पूजा करें। भगवान विष्णु जी को पंचामृत, फूल, ऋतु फल आदि चढ़ाएं। आप चाहें तो एक वेला तक उपवास रखकर एक वेला पूर्ण सात्विक आहार खा सकते हैं। शाम को भोजन करने के पहले जल में दीपदान जरूर करें। इसके साथ ही किसी गरीब व बेसहारा को गर्म वस्त्र और अन्न का दान करें। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान विष्णु की असीम कृपा बरसती है।

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उत्तम स्वास्थ्य के लिए

सफला एकादशी के दिन भगवान विष्णु को कोई भी मौसमी फल चढ़ाएं। इसके बाद श्रीहरि के "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र का 108 बार जाप करें।  बाद में इस फल को प्रसाद के रूप में खाएं। मान्यता है कि किसी रोगी द्वारा इस फल का सेवन करने से उसकी सेहत में सुधार आने लगता है। मगर इसके साथ उसे अपनी दवा व खाने-पीने का भी खास ध्यान रखना चाहिए।  

आर्थिक पक्ष में मजबूती और कारोबार में सफला पाने के लिए

सफला एकादशी के दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की एक साथ पूजा करें। श्रीहरि को मिश्री और लक्ष्मी मां को सौंफ चढ़ाकर "ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीवासुदेवाय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें। इसके बाद सौंफ और मिश्री को एकसाथ रखकर रोजाना सुबह इसे ग्रहण करें। धार्मिक मान्यताओं अनुसार, ऐसा करने से नौकरी व कारोबार से जुड़ी समस्याएं दूर होकर तरक्की के रास्ते खुलते हैं। ऐसे में आर्थिक पक्ष मजबूत होता है।

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संतान प्राप्ति के लिए

संतान प्राप्ति के इच्छुक लोग आज के शुभ दिन पर श्रीहरि को चांदी के पात्र में पंचामृत चढ़ाएं। फिर "ॐ नमो नारायणाय" मंत्र का 108 बार जाप करें। इसके बाद पंचामृत का प्रसाद के रूप सेवन करें।

 

 

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