कोरोना वैक्सीन बनाने के लिए कई देशों में रेस लगी हुई है। इसी बीच एस्ट्राजेनेका को कोरोना वैक्सीन में एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। दरअसल, कंपनी द्वारा बनाई गई वैक्सीन बुजुर्गों के इलाज में काफी असरदार साबित हो रही है।
बुजुर्गों पर असरदार 'कोविशील्ड' वैक्सीन
रिपोर्ट के अनुसार, एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा बनाई गई 'कोविशील्ड' वैक्सीन बुजुर्गों के शरीर में प्रोटेक्टिव एंटीबॉडीज और T-सेल्स का निर्माण करने में सफल रहा है। हालांकि अभी भारत में इस टीके का एडवांस ट्रायल चल रहा है। सीरम इंस्टिट्यूट ने एस्ट्राजेनेका से 'कोविशील्ड' की 100 करोड़ डोज का करार दिया है।
कम उम्र के लोगों पर भी असरदार
ऑक्सफर्ड ने जुलाई में वैक्सीन का इम्युनोजेनिसिटी डेटा पेश किया गया था. वहीं, ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, इसके नतीजे वैसे ही हैं, जैसे जुलाई में थे। सिर्फ बुजुर्ग ही नहीं बल्कि 18 से 55 साल के उम्र वाले लोगों पर भी यह वैक्सीन काफी असरदार रही है। ये दवा 'मजबूत इम्युन रेस्पांस' तैयार करती है, जिससे शरीर को बीमारी से लड़ने में मदद मिलती है।
कंपनी ने बीच में रोका था वैक्सीन का ट्रायल
बता दें कि सितंबर में एस्ट्राजेनेका ने अपनी वैक्सीन का ट्रायल बंद कर दिया था क्योंकि ब्रिचेन का एक वालंटियर वैक्सीन के कारण बीमार पड़ गया था लेकिन फिर अमेरिका को छोड़ सभी जगह इसके ट्रायल शुरू कर दिए गए थे। वहीं, अमेरिका ने भी फिर से एस्ट्राजेनेका को वैक्सीन ट्रायल की इजाजत दे दी है।
ग्लोबल रेस में टॉप कैंडिडेट एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन
बता दें कि फिलहाल 108 देश कोरोना की वैक्सीन बनाने में लगे हुए हैं, जिसमें एस्ट्राजेनेका का नाम सबसे ऊपर है। यह कंपनी वैक्सीन से जुड़ी सभी सावधानियों का ध्यान रख रही है, जिसकी वजह से यह टॉप लिस्ट में शामिल है। दुनिया के कई देश इस कंपनी से वैक्सीन के लिए डील कर रहे हैं। हालांकि रूस ने कोरोना की वैक्सीन बना ली है लेकिन उसे WHO की इस लिस्ट में जगह नहीं दी गई है।
उम्मीद है कि कंपनी द्वारा बनाई जा रही वैक्सीन अगले साल तक मार्केट में आ जाएगी। बता दें कि दुनियाभर में कम से कम 9 वैक्सीन एडवांस्ड ट्रायल्स पर पहुंच चुकी हैं, जिसमें फाइजर, मॉडर्ना के अलावा चीन की पांच कंपनियां शामिल हैं।