भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (Competition Commission of India) को पहली बार महिला चेयरपर्सन मिली है। पंजाब कैडर की 1988 बैच के अधिकारी रवनीत कौर को इसके पद के लिए नियुक्त किया गया है। सीसीआई के पूर्व चेयरमैन अशोक गुप्त का कार्यकाल पूरा होने के बाद अक्टूबर 2022 से ये पद खाली पड़ा था।
काफी समय से खाली पड़ा था चेयरपर्न का पद
बता दें कि कौर इस समय पंजाब सरकार के राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग में विशेष मुख्य और वित्तीय सलाहकर के पद पर कार्यरत हैं। कौर को पद पर रहते हुए सीसीआई में पदभर मिला है। कौर की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है, जब गूगल, व्हाट्सऐप, फेसबुक और एमेजॉन जैसी बड़ी कंपनियों के तकनीकी मामले सीसीआई के पास विचारधीन हैं।
सीसीआई को लगभग 200 उन मामलों को भी निपटाना है, जो दिसंबर में राष्ट्रीय मुनाफाखोरी विरोधी प्राधिकरण से आयोग को स्थानांतरित कर दिए गए हैं।
चेयरपर्सन का पद खाली होने के कारण सीसीआई में कोरम नहीं पूरा होता था, जिससे कामकाज प्रभावित हो रहा था। इससे मुनाफाखोरी रोधी और वर्चस्व के दुरुपयोग के मामलों से निपटने के लिए कदम नहीं उठाए जा सकते थे। कोरम पूरा होने के साथ सीसीआई कई लंबित शिकायतों पर तेजी से आगे बढ़ना चाहेगी, जिनमें बड़ी तकनीकी कंपनियों के खिलाफ शिकायतें भी हैं।
सीसीआई की पांचवीं चेयरपर्सन हैं रवनीत कौर
कौर ब्रिटेन की बर्मिंघम यूनिवर्सिटी से Economics और Finance में Postgraduate हैं। वह सीसीआई की पांचवीं चेयरपर्सन होंगी। उन्होंने 29 साल के अपने लंबे कार्यकाल के दौरान वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय (Ministry of Commerce and Industry) के तहत आने वाले औद्योगिक नीति (Industrial policy) और संवर्धन विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर काम किया। इसके पहले वह भारतीय पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी) में चेयरपर्सन और प्रबंध निदेशक (एमडी) रह चुकी हैं।
रवनीत कौर कर चुकी हैं कई सरकारी विभागों में काम
उन्होंने पंजाब सरकार में उच्च शिक्षा एवं भाषा विभाग, कैबिनेट, समन्वय एवं संसदीय मामलों के विभाग में काम किया है। अपने कार्यकाल के शुरुआती सालों में उन्होंने वित्तीय सेवा विभाग, आर्थिक मामलों के विभाग और विनिवेश विभाग में काम किया है। वह अन्य कई पदों पर भी रह चुकी हैं, जिसमें पंजाब कम्युनिकेशन लिमिटेड में वाइस चेयरपर्सन और एमडी, एग्जिम बैंक में सीएमडी, इंडिया इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनैंस कंपनी लिमिटेड में सीएमडी, मार्कफेड में एडीशन एमडी के रूप में कार्यकाल शामिल है। वे वॉशिंगटन में इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट में सलाहकार भी रह चुकी हैं।