नारी डेस्क: रतन टाटा, भारत के सबसे सम्मानित उद्योगपतियों में से एक, का हाल ही में निधन हो गया। उनके द्वारा किए गए कार्यों ने न केवल भारतीय उद्योग को बल्कि पूरे देश को आकार दिया। आइए जानते हैं उनकी संपत्ति, उनके दान, और उनके द्वारा किए गए योगदान के बारे में विस्तार से।
रतन टाटा का निधन और उनकी स्थिति
रतन टाटा का 9 अक्टूबर 2024 को निधन हो गया। वह लो ब्लड प्रेशर और हाइपोटेंशन से पीड़ित थे, जिसके कारण उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। 86 साल की उम्र में, उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। इससे पहले, उन्होंने अपने स्वास्थ्य को लेकर खुद बयान जारी किया था कि चिंता की कोई बात नहीं है।
रतन टाटा की कुल संपत्ति
रतन टाटा की कुल संपत्ति 2022 के आंकड़ों के अनुसार करीब 3800 करोड़ रुपये थी। हालांकि, इस संपत्ति का बड़ा हिस्सा उनकी व्यक्तिगत आय से नहीं बल्कि टाटा ट्रस्ट द्वारा संचालित किया गया था। IIFL Wealth Hurun Indian Rich List में रतन टाटा 421वें स्थान पर थे।
दानवीर रतन टाटा
रतन टाटा अपनी अधिकांश आय को समाज सेवा और दान कार्यों में लगाते थे। शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, ग्रामीण विकास, और आपदा राहत में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कई सालों तक टाटा समूह की बागडोर संभालते हुए यह सुनिश्चित किया कि टाटा ग्रुप केवल व्यापारिक सफलता तक सीमित न रहे, बल्कि समाज के विभिन्न क्षेत्रों में भी योगदान दे।
टाटा ग्रुप के बेमिसाल योगदान
टाटा ग्रुप की 100 से अधिक कंपनियां लिस्टेड और अनलिस्टेड हैं, और उनका कुल कारोबार करीब 300 अरब डॉलर का है। रतन टाटा ने 1991 से 2012 तक टाटा ग्रुप की कमान संभाली और उनके नेतृत्व में कंपनी ने देश से लेकर दुनिया भर में अपनी पहचान बनाई। चाहे रसोई की चीजें हों या हवाई जहाज, टाटा का कारोबार हर जगह फैला हुआ है।
टाटा ग्रुप के चेयरमैन का शोक संदेश
टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने रतन टाटा को एक मित्र और मार्गदर्शक बताया। उन्होंने कहा, "हम रतन नवल टाटा को गहरे दुख के साथ विदाई दे रहे हैं। वह वास्तव में एक असाधारण नेतृत्वकर्ता थे, जिनके अतुलनीय योगदान ने न केवल टाटा समूह को बल्कि हमारे राष्ट्र के ताने-बाने को भी आकार दिया है।"
रतन टाटा का नेतृत्व और उनकी विरासत
रतन टाटा का नाम इतिहास के पन्नों में उस व्यक्ति के रूप में दर्ज होगा, जिसने भारतीय उद्योग जगत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। उन्होंने केवल टाटा समूह को ऊंचाइयों तक नहीं पहुंचाया, बल्कि अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को भी पूरी निष्ठा से निभाया। उनका जीवन और उनकी संपत्ति इस बात का प्रमाण है कि असली धन केवल व्यापार में नहीं, बल्कि समाज सेवा में है।
रतन टाटा की संपत्ति केवल आर्थिक रूप से नहीं, बल्कि उनके द्वारा समाज को दिए गए योगदान से भी आंकी जाती है। उनके द्वारा किए गए महान कार्यों और उदार दान ने उन्हें भारतीय उद्योग जगत में एक प्रेरणा बना दिया है।