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नानी से सीखी कला, अब फूल, सब्जी और तुलसी के बीज से राखी बना रहे नन्हें राघव

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 03 Jul, 2021 02:04 PM
नानी से सीखी कला, अब फूल, सब्जी और तुलसी के बीज से राखी बना रहे नन्हें राघव

राखी का त्यौहार आने में भले ही 2 महीने पड़े हों लेकिन भाई-बहनों ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं। खासकर जो बहनें अपने भाईयों से मिलो दूर बैठी हैं वो राखी से एक महीने पहले ही उन्हें राखी भेज देंगी। बात अगर राखी ट्रैंड की करें तो आजकल हर कोई इको-फ्रैंडली राखी में दिलचस्पी दिखा रहा है। इसी कड़ी में नोएडा की रहने वाली 68 साल की मल्टीटैलेंड सुनीता खन्ना, जो एक लेखक, शिक्षक, फेमस शिल्प प्रशिक्षक, कार्यशाला सलाहकार भी हैं उनके नाती राघव माथुर ने आने वाली राखी उसत्व के लिए PLANTABLE RAKHI KITS परियोजना शुरू की है, जिसकी कीमत मात्र ₹300/- हैं।

नानी-नातिन दोंनों है पर्यावरणविद

दरअसल, राधव अपने भाई के साथ मिलकर सीड्स से राखियां बना रहे हैं, जो पर्यावरण के अनुकूल होंगी। सुनीता के नाती राघव माथुर 11वीं कक्षा की पढ़ाई कर रहे हैं। राघव का कहना है कि मेरी मां और दादी दोनों शिक्षाविद और पर्यावरणविद हैं। जब से हम अपने हाथों से चीजें बना सकते हैं, तब से वे मुझे और मेरे छोटे भाई को बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट पढ़ा रहे हैं। हमने बीज की राखियां बनाईं, और उन्हें गमलों में लगाकर बालकनी में रख दिया। मैंने कुछ दिनों तक बीज के अंकुरित होने का इंतजार किया और फिर धनिया की पौधा उगना शुरू हो गया।

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महिलाओं की भी कर रहे मदद

उन्होंने कहा, "हम इन रोपण योग्य बीज राखियों को बनाने और कमाई करने के लिए वंचित और ग्रामीण महिलाओं की मदद कर रहे हैं, जिन्होंने कोरोना के कारण अपनी नौकरी खो दी है। मैं लोगों को पुरानी राखियों का उपयोग बंद करने के लिए जागरूक करने की कोशिश कर रहा हूं, जो प्लास्टिक से बनी थीं। हमारे देश में 80 करोड़ राखियां बिकती थीं, जो लैंडफिल में समाप्त हो जाएंगी, जिससे पर्यावरण को खतरा होगा।

दिया इको-फ्रैंडली राखी का संदेश

राघव ने कहा, "मेरा संदेश यह रक्षाबंधन है जब भाई-बहन का बंधन इतना शुद्ध है कि गैर-बायोडिग्रेडेबल सामग्री राखियों के साथ इसकी सुंदरता को धूमिल क्यों करें। मैं चाहता हूं कि हर कोई हमारी सभी परंपराओं को थोड़ा-थोड़ा हरा-भरा बनाने का संकल्प लें।"

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फूल, सब्जी और तुलसी के बीज से बनाई राखियां

हमारी इस राखी किट में सुंदर फूल, जैविक सब्जियां और पवित्र तुलसी जी भी विकसित होगी क्योंकि राखी में बीज जड़े होते हैं। यह पौधा त्योहार समाप्त होने के बाद आपके साथ रहेगा। अपने भाई को सीड्स राखी बांधकर प्लास्टिक प्रदूषण को कम करें और पेड़-पौधे लगाने को प्रोत्साहित करें। आप जो कुछ भी करते हैं उससे फर्क पड़ता है ।

बच्चों के लिए भी फायदेमंद इको-फ्रैंडली राखी

यह प्लांटेबल राखी किट आपके भाई के साथ-साथ धरती माता के लिए एक उपहार है। अपने राखी के पौधे को प्यार और देखभाल के साथ बढ़ने दें। लोगों को त्योहारों को अधिक टिकाऊ तरीके से मनाने के लिए यह हमारी पहल है इसलिए रक्षाबंधन पर लैंडफिल कचरे को कम करने में हमारा सहयोग दें। इससे ना सिर्फ बच्चों को खुशी मिलेगी बल्कि वे प्रकृति के करीब भी हो जाएंगे। उनमें बागवानी के लिए रुचि पैदा होगी।

26 साल की उम्र में हुआ रूमेटोइड गठिया

सुनीता ने मदर्स इंटरनेशनल स्कूल और कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरीज, नई दिल्ली में पढ़ाई की और पटियाला के गवर्नमेंट कॉलेज से B.A. और नेपाल यूनिवर्सिटी से B.ed किया। एक प्राथमिक शिक्षक और DPS मथुरा रोड के प्रभारी संसाधन केंद्र के रूप में अपनी पहचान बनाई। 26 की उम्र में पहली प्रेगनेंसी के बाद सुनीता को माइनर रूमेटोइड गठिया अटैक आया, जिसके कारण उन्हें बहुत-सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। मगर, वह कभी हार न मानने के रवैए से बढ़ती रही।

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कृपया इन रोपण योग्य बीज राखियों का उपयोग करके प्यार के इस त्योहार को पर्यावरण के अनुकूल बनाएं। यह हाई टेक गैजेट्स पर गेम जीतने से ज्यादा पौधों की वृद्धि को देखकर बहुत खुशी देता है। आइए प्रकृति का सम्मान करें और प्यार करें और अपनी धरती मां को बचाएं।

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