अमेरिका के मिनेपोलिस शहर में पुलिस हिरासत में मारे गए अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड का मामला गंभीर रूप धारण कर चुका है। फ्लॉयड की मौत के बाद 30 शहरों में प्रदर्शन हो रहे हैं। कई शहरों में शनिवार रात पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़प के बाद 16 राज्यों के 25 शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का इस हिंसा को लेकर बयान सामने आया। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि हमारे पास खतरनाक कुत्ते और घातक हथियार हैं। चलिए जानते है अमेरिका में चल रहे इस प्रोटेस्ट की वजह...
मिनेसोटा राज्य के मिनेपोलिस शहर में 26 मई को फ्लॉयड को पुलिस के एक अधिकारी ने धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया था। एक गोरा पुलिस अधिकारी निहत्थे जॉर्ज फ़्लॉयड की गर्दन पर घुटना टेककर उसे दबाता दिखता है। उसने जॉर्ज की गर्दन को करीब 8 मिनट तक दबाए रखा था। हालांकि, इस दौरान फ्लॉयड और उनके आसपास खड़े लोग पुलिस अधिकारी से उन्हें छोड़ने की मिन्नतें करते रहे। पुलिस अधिकारी के घुटने के नीचे दबे जॉर्ज बार-बार कह रहे थे, 'प्लीज़, आई कान्ट ब्रीद (मैं सांस नहीं ले पा रहा)।' फिर कुछ मिनट बाद उनकी सांसे बंद हो गई और वो मर गया, जिसका एक वीडियो भी खूब वायरल हुआ जिसके बाद शुक्रवार को सैंकड़ों प्रदर्शनकारियों ने व्हाइट हाउस के बाहर प्रदर्शन करना शुरु कर दिया। फिर शुक्रवार को भी वो व्हाइट हाउस के बाहर इकट्ठे हुए जिस दौरान प्रदर्शकारियों के साथ पुलिस की झड़़प भी हो गई। इतना ही नहीं, सोशल मीडिया पर #BlackLivesMatter और #JusticeforGeorgeFloyd हैशटैग ट्रेंड कर रहे है। सड़कों पर लोग जॉर्ज फ़्लॉयड के आख़िरी शब्द 'आई कान्ट ब्रीद' गुनगुना कर प्रोटेस्ट कर रहे हैं जो एक मंत्र-सा बन गया है।
जानकारी के मुताबिक पूरे अमेरिका में 1400 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है। प्रदर्शन के दो दिनों के दौरान मिनेसोटा में हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों में 80% मिनेपोलिस से हैं। यह पहला वाक्य नहीं है जब किसी काले व्यक्ति को अपनी जान गंवानी पड़ी हो। इससे पहले 23 फरवरी 23 को हथियारबंद गोरों ने 25 साल के अहमद आर्बेरी का पीछा कर उन्हें गोली मार दी थी। फिर 13 मार्च को ब्रेओना टेलर की उस वक्त हत्या कर दी गई थी जब कथित तौर पर एक गोरे पुलिस अधिकारी ने उनके घर पर छापा मारा था।
मिनेपॉलिस के मेयर जेकब फ्रे ने एक ट्वीट कर कहा है, 'अमरीका में काले समुदाय से होने का मतलब मौत की सज़ा के समान नहीं होना चाहिए।'
My remarks delivered earlier this morning and video below. https://t.co/qC2IgWdm1T pic.twitter.com/XWXhSygaCY
— Mayor Jacob Frey (@MayorFrey) May 26, 2020
वहीं पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने लिखा, 'मैं आपको बताना चाहता हूं कि मिनेसोटा में जॉर्ज फ़्लॉयड के साथ हुई घटना दुखद थी। मैंने वो वीडियो देखा और मैं रोया, इस वीडियो ने एक तरह से मुझे तोड़ कर रख दिया।' ओबामा ने कहा, '2020 के अमरीका में ये सामान्य नहीं होना चाहिए। ये किसी सूरत में सामान्य नहीं हो सकता।' बता दें कि इस घटना ने अमरीकी समाज और कानूनी एजेंसि.यों में नस्लीय भेदभाव की गहरी जड़ों पर एक बार फिर चर्चा छेड़ दी हैं। अब देखना यह है कि इसका अंत कब होगा।
My statement on the death of George Floyd: pic.twitter.com/Hg1k9JHT6R
— Barack Obama (@BarackObama) May 29, 2020