महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के ताबूत को राजकीय अंतिम संस्कार के लिए जैसे ही वेस्टमिंस्टर एबे के भीतर ले जाया गया, बिग बेन थम गई और हवा में प्रार्थनाओं के स्वर गूंजने लगे । ब्रिटेन के शाही परिवार के सदस्यों के साथ ही दुनियाभर के विभिन्न देशों से राष्ट्राध्यक्ष और राष्ट्र प्रमुख दिवंगत महारानी को श्रद्धांजलि देने के लिए यहां पहुंचे हुए हैं।
स्थानीय समयानुसार पूर्वाह्न 11 बजते ही शुरू हुई महारानी की इस अंतिम यात्रा में उनके बेटे और महाराजा चार्ल्स पीछे चल रहे थे। महाराजा के साथ उनके बेटे प्रिंस विलियम और प्रिंस हैरी तथा भाई-बहन प्रिंसेस एनी और प्रिंस एंड्रयू तथा प्रिंस एडवर्ड थे। इस अंतिम यात्रा में साथ चलने वाले राजपरिवार के सबसे कम उम्र के सदस्यों में 9 वर्षीय प्रिंस जॉर्ज तथा सात साल की प्रिंसेस शेर्लोट थीं।
दोनों अपने माता-पिता प्रिंस और प्रिंसेस ऑफ वेल्स के बीच में चल रहे थे। जॉर्ज जहां काले रंग के सूट में दिखाई दिए तो वहीं शैरलट एक काली ड्रैस और हैट में नजर आई। राजकुमारी केट मिडलटन और डचेस ऑफ ससेक्स, मेघन मार्कल इस दौरान बच्चों को संभालती दिखाई दी।
शाही परिवार के सबसे छोटे नवाबजादे को अंतिम संस्कार में शामिल नहीं किया गया। ताबूत के पीछे चलने वाले यह युवा बच्चे छवियां प्रिंस विलियम और प्रिंस हैरी की याद दिलाती हैं जो 1997 में अपनी मां दिवंगत राजकुमारी डायना के ताबूत के पीछे चल रहे थे। मां के निधन के वक्त उन दोनों की उम्र 15 और 12 वर्ष थी।
महाराजा चार्ल्स तृतीय की अगुवाई में ताबूत यात्रा 11वीं सदी के ऐतिहासिक एबे पहुंची तो दिवंगत महारानी के नाम पर बने एलिजाबेथ टॉवर में लगी बिग बेन में हर एक एक मिनट बाद 96 घंटा बजाया जा रहा था जो महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की जीवन काल को श्रद्धांजलि का प्रतीक था।