एक शोध के मुताबिक ऐसा देखा गया है कि बच्चे जो चीजें बचपन में सीखते हैं उसे वो जल्दी नहीं भूलते। पेरैंट्स को चाहिए कि वह जितनी जल्दी हो सके बच्चों को साफ-सफाई से जुड़ी आदतें सिखाना शुरू कर दें। यह आदतें उन्हें हैल्दी और फिट रखेंगी। वैसे भी एक बार फिर से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। कोरोना को देखते हुए भी बच्चों को साफ-सफाई के बारे में अवेयर करना जरूरी है। यहां कुछ टिप्स बताए जा रहे हैं जिनकी मदद से आप बच्चों में साफ-सफाई से जुड़ी आदतें विकसित कर सकते हैं-
हाथों की सफाई
ज्यादातर बच्चे बिना हाथ धोए कुछ भी खाने लगते हैं या फिर कहीं बाहर से आने पर वे हाथ नहीं धोते। माता-पिता को चाहिए वह सबसे पहले अपने बच्चों को हाथों की सफाई के बारे में बताएं। बच्चों को समझाएं कि उन्हें कब-कब और किस तरह अपने हाथों को साफ करना है। साथ ही यह भी बताएं कि हाथ की सफाई उनके लिए क्यों जरूरी है।
रोजाना ब्रश करना
जब बच्चों को ब्रश करने के लिए कहा जाता है तो वह रोने लगते हैं या फिर कोई बहाना बनाते हैं। पेरैंट्स भी उन्हें छोटा समझकर बिना ब्रश किए खाने-पीने की इजाजत दे देते हैं लेकिन यह उनकी सेहत के लिए अच्छा नहीं। पेरैंट्स् को चाहिए कि वह बच्चों को समझाएं कि सुबह ब्रश न करने से उनके दांतों को क्या नुक्सान हो सकता है।
नहाने की आदत
कई बच्चे नहाने से दूर भागते हैं। उन्हें पानी में खेलना तो पसंद है लेकिन जब नहाने को कहा जाए तो नखरे करने लगते हैं। इसलिए जरूरी है कि पेरैंट्स बच्चों में रोजाना नहाने की आदत विकसित करें। बच्चों को समझाएं कि नहाने से कैसे वह हैल्दी रहेंगे और बीमारियां उनसे दूर रहेंगी।
बाहर से आने के बाद सफाई
कई बार बच्चे बाहर से खेलकर आते हैं तो वे पैर-हाथ नहीं धोते। खेलने के कारण गंदे हुए कपड़े ही पहने रहते हैं। टोकने के बाद भी साफ-सफाई में आनाकानी करते हैं। अगर आपका बच्चा भी ऐसा करता है तो तुरंत उसकी यह आदत बदलने का प्रयास करें। उसे समझाएं कि बाहर से आने के बाद खुद की साफ-सफाई क्यों जरूरी है। उन्हें समझाएं कि जूते-चप्पल एक जगह रखें। हाथ, पैर और मुंह को अच्छी तरह साबुन से साफ करें और कपड़े बदलकर ही कोई दूसरा काम करें।
ये बातें हैं खास
•पहले बेसिक साफ-सफाई के बारे में बताएं।
•साफ-सफाई क्यों जरूरी है उदाहरण देकर समझाएं।
•बच्चों को मार-पीटकर नहीं प्यार से समझाएं।
•खुद भी साफ-सफाई का ध्यान रखें।