23 NOVSATURDAY2024 12:06:16 AM
Nari

पापमोचनी एकादशी कब है? जानिए व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व महत्व

  • Edited By neetu,
  • Updated: 05 Apr, 2021 11:24 AM
पापमोचनी एकादशी कब है? जानिए व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि व महत्व

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। इस साल पापमोचनी एकादशी का व्रत 7 अप्रैल दिन बुधवार को रखा जाएगा। यह एकादशी चैत्र मास के शुक्ल की एकादशी तिथि को आता है। यह व्रत जगत के पालनहार भगवान विष्णु जी को प्रसन्न करने व उनकी कृपा पाने के लिए रखा जाता है। इसे सभी व्रतों में सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। इससे पापों से मुक्ति मिलने के साथ पुण्य मिलता है। कहा जाता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं धर्मराज युधिष्ठिर और अर्जुन को इस व्रत का महत्व बताया था। तो चलिए जानते हैं पापमोचनी एकादशी व्रत का शुभ मुहूर्त, व्रत विधि व महत्व...

व्रत का शुभ मुहूर्त

एकादशी तिथि प्रारंभ: 07 अप्रैल 2021, बुधवार रात 02:09 मिनट से
एकादशी तिथि समापन: 08 अप्रैल 2021, गुरुवार रात 02:28 मिनट तक
हरिवासर समाप्ति समय: 08 अप्रैल 2021, गुरुवार सुबह 08:40 मिनट
एकादशी व्रत पारण मुहूर्त: 08 अप्रैल 2021, गुरुवार दोपहर 01:39 मिनट से शाम 04:11 मिनट तक

PunjabKesari

व्रत की पूजा विधि 

1. 7 अप्रैल की सुबह स्नान करके साफ कपडे़ पहन लें। 
2. पूजा स्थल पर वेदी बनाकर वहां उड़द, मूंग, गेंहू, चावल, जौ, बाजरा, चना आदि 7 तरह के अनाज रखें। 
3. कलश में आम के 5 पत्ते रख कर वेदी के ऊपर रखें। 
4. फिर हाथ में फूल लेकर व्रत का संकल्प लें। 
5. भगवान श्रीहरि की पूजा करें। 
6. श्रीहरि को उनकी प्रिय चीजें चढ़ाकर भोग लगाएं। फिर आरती करें। 
7. व्रती एक बार दशमी तिथि को सात्विक भोजन करें। 
8. मन मेें बुरे विचारों को दूर करके दिनभर भगवान की भक्ति करें। 
9. व्रत का पारण शुभ मुहूर्त में विधि के अनुसार ही करें। 

PunjabKesari

व्रत का महत्व 

मान्यता है कि इस व्रत को रखने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है। जीवन की सभी परेशानियां दूर होकर सुख-समृद्धि, शांति व खुशहाली का आगमन होता है। व्रत रखने वाले को बड़े से बड़े यज्ञों व हजारों गाय दान करने के बराबर फल मिलता है। ब्रह्म ह्त्या, सुवर्ण चोरी, गुरुपत्नी गमन जैसे महापाप भी दूर हो जाते हैं। 

Related News