बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता पंकज त्रिपाठी फैंस के दिलों पर एक अलग छाप छोड़ी है। हर कोई उनकी सादगी और आदाकारी का दीवाना है। हाल ही में पंकज और उनकी पत्नी मृदुला त्रिपाठी ने सामाजिक मुद्दों को लेकर खुलकर बात की। उन दोनों ने दहेज प्रथा पर भी अपनी राय रखी। दहेज लेना या देना अपराध की श्रेणी में आ गया है, लेकिन यह आज भी भारतीय विवाह का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
शादी में पहना धोती कुर्ता
त्रिपाठी ने बताया कि उन्होंने जीवन के शुरुआती दिनों में ही तय कर लिया था कि वह अपनी पत्नी के परिवार से दहेज के रूप में एक पैसा भी नहीं लेंगे। दिग्गज अभिनेता ने बताया कि मैंने अपने ससुर से कहा था कि मैं उनसे एक पैसा भी नहीं लूंगा। ससुराल वालों ने मेरे लिए एक थ्री-पीस सूट सिलवाया, जिसे पहनने से भी मैंने इंकार कर दिया। हमें दूल्हे के लिए एक शानदार पोशाक की आवश्यकता क्यों है? पंकज ने बताया कि उन्होंने शादी के दिन धोती कुर्ता पहना था।
सामाजिक बुराई को मिटाना जरूरी
त्रिपाठी ने कहा कि बिहार में कुछ समय पहले तक दहेज ने समाज को इतना त्रस्त कर दिया था कि दूल्हे लगभग नीलाम हो गए थे। उन्होंने अपने गांव में कभी लोगों को बिना दहेज के शादी करते नहीं देखा। हालांकि अब चीजें बदल रही हैं। इस सामाजिक बुराई को मिटाने के लिए सरकार कई प्रयास कर रही है। लोग अब प्रगतिशील हो गए हैं। पंकज का कहना है कि मुझे उम्मीद है कि मैं कम से कम एक युवक को दहेज के लिए मना करने के लिए प्रभावित कर सकता हूं। लड़कों कको आगे आकर इस प्रथा का विरोध करना चाहिए।
बेटियों के लिए पिता का साथ होना बहुत जरूरी
पंकज त्रिपाठी ने आगे कहा कि बेटियों के लिए पिता का साथ होना बहुत जरूरी है। उन्होंने बताया कि बरेली की बर्फी और गुंजन सक्सेना के बाद कई लड़कियों ने उनसे कहा कि हर किसी के पास ऐसा पिता होना चाहिए। एक इंटरव्यू में त्रिपाठी ने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए बताया था कि कैसे वो जब भी हर जगह काम मांगने जाते थे, तो 'ईश्वर जी' का नाम लेकर लोगों से मिला करते थे।