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लगातार थकान और कमर-पेट में दर्द हो सकता है पैंक्रियाटिक कैंसर का संकेत, डॉ. की चेतावनी इग्नोर न करें

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 23 Nov, 2025 10:17 AM
लगातार थकान और कमर-पेट में दर्द हो सकता है पैंक्रियाटिक कैंसर का संकेत, डॉ. की चेतावनी इग्नोर न करें

 नारी डेस्क: पैंक्रियाटिक कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसके शुरुआती लक्षण अक्सर बहुत सामान्य होते हैं। इसी वजह से लोग इन्हें हल्के में ले लेते हैं और कैंसर धीरे-धीरे बढ़ता जाता है। डॉक्टरों का कहना है कि अगर शुरुआती चरण में इसके संकेतों को पहचान लिया जाए और समय पर जांच कराई जाए, तो बीमारी को नियंत्रित करना आसान हो जाता है।  हमारे शरीर का एक बेहद महत्वपूर्ण अंग है। यह पाचन के लिए जरूरी एंजाइम और ब्लड शुगर नियंत्रित करने के लिए इंसुलिन बनाता है। जब पैंक्रियाज में कैंसर विकसित होता है तो ये सारी प्रक्रियाएँ धीरे-धीरे प्रभावित होने लगती हैं।

पैंक्रियाटिक कैंसर को खतरनाक इसलिए माना जाता है क्योंकि इसके शुरुआती लक्षण बहुत देर से या बहुत हल्के रूप में सामने आते हैं। कई लोग इन्हें सामान्य पेट दर्द, गैस या थकान समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। आइए जानते हैं इसके शुरुआती संकेतों के बारे में:

पेट या पीठ में लगातार दर्द

शुरुआत में पेट में लगातार हल्का या तेज दर्द महसूस हो सकता है। यह दर्द अक्सर पीठ तक भी फैल जाता है। कई बार खाना खाने के बाद दर्द बढ़ जाता है। यदि आपको

लगातार पेट दर्द,

पेट में ऐंठन,

भारीपन या सूजन,

गैस की दिक्कत

लगातार बनी रह रही हो, तो यह पैंक्रियाटिक कैंसर का संकेत हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर से जांच जरूर करवानी चाहिए।

 जॉन्डिस (पीलिया)

जब पैंक्रियाज में बढ़ता कैंसर पित्त नलिका पर दबाव डालता है, तो त्वचा और आंखों का रंग पीला पड़ने लगता है। साथ ही पेशाब गहरा रंग का हो जाता है, मल का रंग हल्का पड़ जाता है। जॉन्डिस पैंक्रियाटिक कैंसर का शुरुआती और महत्वपूर्ण संकेत माना जाता है, इसलिए इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

भूख न लगना और उल्टी

अगर लंबे समय तक भूख न लगे या खाने की इच्छा कम हो जाए, तो यह भी पैंक्रियाज से जुड़ी समस्या का संकेत हो सकता है। पाचन प्रभावित होने के कारण बार-बार उल्टी भी हो सकती है। यह भी पैंक्रियाटिक कैंसर की शुरुआती निशानी हो सकती है।

लगातार कमजोरी और थकान

बिना किसी मेहनत के भी थकान महसूस होना या आराम के बाद भी कमजोरी कम न होना चिंताजनक संकेत है। कैंसर बढ़ने पर शरीर की ऊर्जा तेजी से घटने लगती है और सामान्य काम करना भी कठिन हो जाता है।

ब्लड शुगर का अनियंत्रित होना

पैंक्रियाज इंसुलिन बनाता है, इसलिए कैंसर होने पर ब्लड शुगर लेवल अचानक बिगड़ने लगता है।

ध्यान दें: बिना कारण अचानक डायबिटीज होना, पहले से मौजूद डायबिटीज का अचानक अनियंत्रित हो जाना, बार-बार पेशाब आना ये सभी पैंक्रियाटिक कैंसर के संकेत हो सकते हैं।

बिना कारण वजन कम होना

पैंक्रियाज पाचन प्रक्रिया को नियंत्रित करता है, इसलिए इसका प्रभावित होना सीधे वजन पर असर डालता है। अगर बिना किसी वजह तेजी से वजन घट रहा है, भूख कम हो रही है या खाना पच नहीं रहा, तो यह भी एक महत्वपूर्ण चेतावनी हो सकती है।

सावधानी और जांच बेहद जरूरी

पैंक्रियाटिक कैंसर की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि इसके शुरुआती लक्षण हल्के होते हैं और देर से पता चलते हैं। इसलिए यदि ऊपर बताए गए कोई भी संकेत लंबे समय तक बने रहें, तो उन्हें हल्के में न लें। समय पर जांच कराने से बीमारी को शुरुआती स्टेज में पकड़ा जा सकता है।

डिस्क्लेमर : यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह की दवा, इलाज या चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।  

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