नारी डेस्क: हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने मंगलवार को बाल विवाह निषेध (हिमाचल प्रदेश संशोधन) विधेयक 2024 पेश करके राज्य के विवाह कानूनों में संशोधन पारित किया। इस संशोधन से लड़कियों के लिए न्यूनतम कानूनी विवाह आयु 18 से बढ़ेकर 21 वर्ष हो जाएगी। पिछले कुछ समय से भारत में लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र बढ़ाने की मांग की जा रही है।
लड़कियों को मिलेगा आगे बढ़ने का मौका
विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान पेश किए गए इस विधेयक को बिना किसी बहस के सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल ने विधेयक पेश करते हुए लड़कियों को शिक्षा और करियर विकास के बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि- "विवाह की आयु बढ़ाने से यह सुनिश्चित होगा कि लड़कियों को विवाह में प्रवेश करने से पहले पूरी तरह से विकसित होने और अपनी क्षमता हासिल करने का मौका दिया जाए।"
सात महीने पहले ही मिल गई थी मंजूरी
सरकार का कहलना है कि कम उम्र में विवाह करने से अक्सर युवा माताओं के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और उनका व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास बाधित होता है।प्रदेश में अब तक लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल है। राज्य सरकार इसमें तीन साल की बढ़ोतरी कर रही है। इसके संशोधित ड्राफ्ट को राज्य मंत्रिमंडल ने सात महीने पहले ही मंजूरी दे दी थी। आज सदन में संशोधन विधेयक पारित हो गया।