हवाई सफर के दौरान बच्चों की सेफ्टी को ध्यान में रखकर लिया नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने बड़ा फैसला लिया है। DGCA ने एयरलाइनों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि उड़ान के दौरान 12 वर्ष तक के बच्चों को उनके माता-पिता या अभिभावकों में से कम से कम एक के साथ सीट आवंटित की जाए। बीते दिनों ऐसे कई मामले सामने आए थे, जहां 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों को उड़ान के दौरान उनके माता-पिता के साथ सीट आवंटित नहीं की गई थी।
यह निर्देश ऐसे मामलों की पृष्ठभूमि में आया है। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने मंगलवार को एक बयान में कहा -''एयरलाइंस को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि 12 वर्ष तक के बच्चों को एक ही पीएनआर पर यात्रा कर रहे उनके माता-पिता/ अभिभावकों में कम से कम एक के साथ सीट आवंटित की जाए और इसका रिकॉर्ड रखा जाए।'' सभी एयरलाइस को रूल अनिवार्य रूप से लागू करने के लिए कहा गया है।
इस संबंध में नियामक ने अनुसूचित एयरलाइनों के सेवाओं और शुल्क को अनियंत्रित करने के संबंध में जारी अपने परिपत्र को संशोधित किया है। मानदंडों के अनुसार तरजीही सीट आवंटन, भोजन/नाश्ता/पेय शुल्क और संगीत वाद्ययंत्र ले जाने के लिए शुल्क लेने जैसी कुछ सेवाओं की अनुमति है। डीजीसीए ने कहा कि ऐसी सेवाएं एयरलाइनों द्वारा स्वैच्छिक आधार पर दी जाती हैं और ये अनिवार्य नहीं हैं।
पिछले दिनों एक शिकायत आई थी जिसमें कहा गया था कि हवाई यात्रा के दौरान एक बच्चे को उसके माता-पिता के साथ बैठने नहीं दिया गया। इसके बाद से ही DGCA ने यह सख्त कदम उठाया है। नई गाइडलाइन में साफ कहा गया है कि- अगर अभिभावक ने अपने लिए फ्री सीट या ऑटो एलोकेशन का ऑप्शन चुना है, तो बगल की सीट बच्चे के लिए अरेंज करनी होगी।