नारी डेस्क: भाई दूज, भाई-बहन के रिश्ते को समर्पित एक विशेष पर्व है, जो हर साल दीपावली के बाद मनाया जाता है। इस वर्ष, भाई दूज 3 नवंबर 2024 को मनाया जा रहा है। यह दिन भाई के लिए बहन की प्रार्थना और भाई की रक्षा के वचन का प्रतीक है।
पौराणिक कथा
भाई दूज की कथा यमराज और उनकी बहन यमुनाजी से जुड़ी है। कहते हैं कि यमराज अपनी बहन यमुनाजी के घर गए थे, जहां यमुनाजी ने उनका स्वागत किया। तिलक और आरती के बाद यमराज ने उन्हें वरदान दिया कि जो भी इस दिन यमुना में स्नान करेगा, उसे यमलोक नहीं जाना पड़ेगा।
तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त
इस पर्व पर तिलक करने का विशेष महत्व है। 3 नवंबर को तिलक का शुभ मुहूर्त दोपहर 1:10 से 3:22 बजे तक है। इस समय के दौरान बहनें अपने भाइयों का तिलक कर सकती हैं, जिससे भाई की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना की जाती है।
किन गलतियों से बचें
भाई दूज के दिन कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए। यहां कुछ मुख्य बिंदु दिए गए हैं, जिनसे आपको बचना चाहिए-
उपवास का महत्व
तिलक से पहले बहनों को उपवास रखना चाहिए। यह न केवल भाई के लिए प्रेम और सम्मान का प्रतीक है, बल्कि इससे परिवार में सुख और समृद्धि का भी संचार होता है। उपवास रखने से इस दिन की पवित्रता और बढ़ जाती है।
ईमानदारी का महत्व
भाई को बहन से झूठ बोलने से बचना चाहिए। भाई-बहन के रिश्ते में विश्वास सबसे अहम होता है। झूठ बोलने से रिश्ते में दरार आ सकती है, इसलिए ईमानदारी बनाए रखें।
सही दिशा का ध्यान
तिलक के लिए सही दिशा का ध्यान रखें। भाई के तिलक के लिए उत्तर या उत्तर-पश्चिम की दिशा होनी चाहिए और बहन का मुख उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में होना चाहिए। सही दिशा में तिलक करने से शुभता और सकारात्मकता बनी रहती है।
पवित्र आहार का सेवन
मांसाहार और नशीले पदार्थों से दूर रहें। यह पर्व पवित्रता का प्रतीक है, और इन चीजों के सेवन से त्यौहार की पवित्रता भंग हो सकती है। इस दिन केवल शुद्ध और सात्विक भोजन करना चाहिए।
वस्त्रों का चयन
काले रंग के वस्त्र पहनने से बचें, क्योंकि यह अशुभ माना जाता है। भाई दूज के दिन हल्के और शुभ रंगों के कपड़े पहनें, जैसे सफेद, पीला या हरा, जो सकारात्मकता और खुशी का प्रतीक हैं।
इन बातों का ध्यान रखकर आप भाई दूज के इस पर्व को और भी विशेष बना सकते हैं, और अपने रिश्ते को और भी मजबूत कर सकते हैं।