कोरोना को हराने के लिए तमाम देशों ने कमर कस ली है। बहुत से देश इसकी वैक्सीन पर काम कर रहे हैं और कुछ देशों में तो वैक्सीनेशन दी भी जाने लगी है। भारत में भी वैक्सीन को लेकर पूरी तैयारियां की जा रही हैं और हाल ही में भारत को तब सफलता मिली जब भारत बायोटेक की बनाई वैक्सीन 'कोवैक्सिन' को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। वहीं अब टीकाकरण के क्षेत्र में भारत को एक और सफलता मिल गई है। मीडिया रिपोर्टस की मानें तो अब भारत बायोटेक ने नेजल वैक्सीन बनाई है यानि नाक से दी जाने वाली वैक्सीन।
कंपनी ने मांगी इजाजत
आपको बता दें कि इसके लिए कंपनी ने ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से इजाजत मांगी है और इसके लिए प्रपोजल भी भेज दिया गया है। भारत बायोटक ने वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर इस नेजल वैक्सीन पर रिसर्च कर के इसे तैयार किया है। कंपनी की मानें तो शुरुआत में इसका ट्रायल नागपुर, भुवनेश्वर, पुणे और हैदराबाद जैसे शहरों में किया जाएगा। इसी को लेकर अब भारत में पहले और दूसरे फेज़ के ट्रायल के लिए इजाजत मांगी गई है।
दूसरी वैक्सीन से अधिक प्रभावी
वैज्ञानिकों की मानें तो एक शोध में यह भी पाया गया है कि जो वैक्सीन कंधे पर इंजेक्शन के द्वारा दी जाती है यह नेजल वैक्सीन उससे ज्यादा प्रभावी है। इसे एक ही बार देना होगा। यह बात हाल ही में हुई रिसर्च में साबित हुई है।
एक बार देना होगा डोज
आपको बता दें कि इस नेजल वैक्सीन के ट्रायल के लिए 18 से 65 साल तक के लोगों को वॉलंटियर के तौर पर चुना जाएगा। भारत बायोटेक के अध्यक्ष कृष्णा इला की मानें तो नाक के द्वारा दी जाने वाली वैक्सीन लगाने में काफी आसान है। इसका एक ही डोज प्रयाप्त है और इसके लिए किसी भी सूई या फिर सीरिंज की भी जरूरत नहीं है। इस पर खर्चा भी कम आएगा।
इसलिए असरदार है नेजल वैक्सीन
अब तक जितने भी शोध हुए हैं उनमें यही बात सामने आई है कि कोरोना नाक के द्वारा शरीर में प्रवेश करता है और व्यक्ति की हालत बिगाड़ता है। ऐसे में अगर नाक के द्वारा दवाई दी जाती है तो यह काफी असरदार साबित हो सकती है।
वैज्ञानिकों की मानें तो इस वैक्सीन का असर अच्छा रहा तो भारत के लिए यह सबसे बड़ी जीत होगी।