दुनिया में ऐसी कई रहस्यमय जगहें हैं जहां घूमने के बाद लोगों के मुंह से सिर्फ एक शब्द ही निकलता है, भई ऐसा क्यों? अब लोगों के इन सवालों का जवाब तो शायद, वैज्ञानिकों के पास भी नहीं हैं लेकिन यह जगहें अपनी रहस्मय चीजों के लिए फेमस जरूर हो जाती हैं। ऐसी ही जगहों में से एक उनाकोटी में बनी 99 लाख 99 हजार 999 मूर्तियां हैं जिनका रहस्य आज तक कोई वैज्ञानिक भी नहीं जान सका।
रहस्य बना उनाकोटी
इस जगह का नाम उनाकोटी है। यहां मौजूद 99 लाख 99 हजार 999 पत्थर की मूर्तियों का रहस्य अभी तक कोई सुलझा नहीं पाया है। कोई नहीं जानता कि ये मूर्तियां किसने, कब और क्यों बनाई। वहीं दूसरी जरूरी बात कि ये मूर्तियां 1 करोड़ पूरी क्यों नहीं है। कहा जाता है कि इसके पीछे कई हैरान कर देने वाली कहानियां मशहूर है।
क्या है उनाकोटी का अर्थ
यहां मौजूद रहस्यमय मूर्तियों की वजह से इस जगह का नाम उनाकोटी पड़ा। उनाकोटी का मतलब होता है करोड़ में 1 कम। पहाड़ी इलाके में बसी ये जगह इसलिए भी रहस्यमई है क्योंकि यहां दूर-दूर तक घने जंगल है। अब ये बात सोचने वाली है कि इतने घने जंगल के बीच में लाखों मूर्तियों का निर्माण किसने और कैसे करवाया होगा।
उनाकोटी से जुड़ी भगवान शिव की कहानी
इन पत्थरों पर कई हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां उकेरी गई है। ऐसी मान्यता है कि एक बार भगवान शिव समेत एक करोड़ देवी-देवता कहीं जा रहे थे। रात को उन देवी-देवताओं ने भगवान शिव से उनाकोटी में रूककर आराम करने के लिए कहा। हालांकि भगवान शिव ने साथ ही कहा कि सूर्योदय से पहले यह स्थान छोड़ना होगा। जब सूर्योदय का समय हुआ तो सिर्फ भगवान शिव ही उठे, बाकी सभी देवी-देवता सो रहे थे। भगवान शिव ये देखकर बेहद गुस्सा हो गए। उन्होंने सभी को श्राप देकर पत्थर का बना दिया। तभी ऐसा कहा जाता है कि यहां शिव जी को छोड़कर 99 लाख 99 हजार 999 मूर्तियां हैं।
शिल्पकार और शिव की कहानी भी प्रचलित
इसके अलावा इन मूर्तियों से जुड़ी एक और कहानी प्रचलित है। कहते हैं कि एक कालू नाम का शिल्पकार था। वह भगवान शिव और माता पार्वती के साथ कैलाश पर्वत पर जाना चाहता था। जिसके बाद भगवान शिव ने शिल्पकार से कहा कि अगर वह एक ही रात में एक करोड़ देवी-देवताओं की मूर्तियां बना देगा तो वो उसे कैलाश पर्वत पर ले जाएंगे। शिल्पकार अपने काम में लग गया। उसने पूरी रात मूर्तियां बनाई लेकिन जब सुबह गिनती की गई तो उनमें एक मूर्ति कम थी। जिस वजह से भगवान शिव उसे अपने साथ नहीं लेकर गए।