कलाकार जात पात नहीं देखते वह तो धर्मवाद और जातिवाद से ऊपर उठकर अपने काम की बदौलत लोगों के बीच जाने जाते हैं। ऐसा ही एक नाम है मुस्लिम महिला जसना सलीम का जिन्होंने हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश करते हुए खुद अपने हाथों से भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप की बेहद ही खूबसूरत पेंटिंग बनाई।
दो बच्चों की मां जसना पिछले 6 सालों से भगवान कृष्ण की पेंटिंग बना रही थी। अब उनके द्वारा बनाई गई तस्वीर थानमथिट्टा जिले में पंडालम के पास उलानाडू में स्थित श्रीकृष्ण स्वामी मंदिर में लगी मूर्ति के समक्ष रखी गई है। इस तस्वीर को 'उन्नी कन्नन' नाम दिया गया है, जिसका मलयालम में अर्थ कृष्ण का बाल रूप होता है।
जसना बताती हैं कि मुझे बचपन में माता-पिता और रिश्तेदर Kanna बुलाते थे। मैं बिस्तर पर थी जब मैंने अख़बार में भगवान कृष्ण की मूर्ति देखी और इसे बनाने का मन बना लिया। हालांकि कुछ लोगों ने उन्हे मूर्ति बनाने से मना भी किया। लेकिन पति के साथ ने उन्हे हिम्म्त दी और वह सह तस्वीर बना पाई।
जसना ने बताया कि उसने एक बार पड़ोस के एक हिन्दू परिवार को कृष्ण पेंटिंग दी थी, जो उन्होंने पूजा घर में रखी थी। इस परिवार ने जसना को बताया कि ऐसा करने के बाद उनकी कई मनोकामनाएं पूरी हुईं। जसना ने कहा कि वह मैं उलानाडू मंदिर के अधिकारियों के व्यवहार से बहुत प्रभावित हैं। पुजारियों ने मूर्ति पर तुसली की माला चढ़ाने के बाद पूजा भी की।
जसना का कहना है कि स्कूल में वो भारत का नक्शा भी ठीक से नहीं बना पाती थीं। बीते 6 सालों में उन्होंने सैंकड़ों पेंटिंग्स बनाई हैं, और हर पेंटिंग में एक ही छवि है- श्री कृष्ण की।