भारतीय महिलाएं आजकल हर क्षेत्र में पुरुषों से कंधे से कंधा मिला कर चल रही है। चाहे वो स्पोर्ट्स हो या राजनीति हर जगह महिलाओं का दबदबा है। वहीं अब ये बदलाव भारतीय सेना में भी दिखने लगा है,जहां पर महिलाएं अभी तक सिर्फ ग्राउंड वर्क किया करती थी, लेकिन गर्व की बात है कि अब वो फाइटर हेलिकॉप्टर भी चलाएंगी। 26 साल कि कैप्टन अभिलाषा बराक को भारतीय सेना के इतिहास का पहला महिला कॉम्बैट एविएटर बनाया गया है। पूरे देश को अभिलाषा कि इस उपलब्धि पर गर्व है। सैन्य पृष्ठभूमि से संबंध रखने वालीं और सैन्य छावनियों में पली-बढ़ीं अभिलाषा को शुरू से रोमांचक जीवन का शौक था। आईए डालते है अभिलाषा के कामयाबी के सफर पर एक नजर।
अभिलाषा का बचपन
अभिलाषा का जन्म बिल्गिंटन नीलगिरी ऊटी के समीप तमिलनाडु में हुआ था। उसका ज्यातार समय सैन्य छावनी क्षेत्र में ही बीता। 12वीं तक की पढ़ाई उन्होनें सनवार कसौली (हिमाचल प्रदेश) स्थित एक निजी स्कूल से करने के बाद बीटेक दिल्ली से किया। अभिलाषा बचपन से ही अर्मी परिवेश में रही हैं , उनके पिता कर्नल एस ओम सिंह हैं, इसलिए उनका सेना में शामिल होना स्वाभाविक था। 2013 में जब भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) में उन्होंने अपने बड़े भाई की पासिंग आउट परेड देखी, तब सेना में शामिल होने की उनकी इच्छा और भी दृढ़ हो गई।
दो बार हाथ लगी निराशा
उसने दो बार वायुसेना में कोशिश की परंतु कद कम होने की वजह से फाइटर पायलट बनने में कामयाब नहीं हो पाई। हालांकि उसने दो बार टेस्ट पास किया। इसके बाद 2018 में ओटीए, चेन्नई से अपना प्रशिक्षण पूरा करने के बाद अभिलाषा ने आर्मी एविएशन कॉर्प्स को चुना परंतु उस दौरान एविएशन में महिलाओं को जाने की मंजूरी नहीं थी लेकिन करीब दो साल बाद जब पायलटों के रूप में महिलाओं को शामिल करने की घोषणा हुई तो उनकी उन्होनें आवेदन किया और उनका चयन हो गया।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ने भी दी अभिलाषा को बधाई
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने ट्वीट किया कि हरियाणा की जांबाज बेटी कैप्टन अभिलाषा बराक को भारतीय सेना की आर्मी एविएशन कोर की लड़ाकू पायलट के रूप में पहली महिला अधिकारी बनने पर बधाई दी। अभिलाषा की शानदार उपलब्धि ने प्रदेश और देश की बेटियों को सफलता की उड़ान के लिए प्रेरित किया है।