23 NOVSATURDAY2024 3:32:26 AM
Nari

इंसानियत ऐसी भी...लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर रहीं लक्ष्‍मी गौतम

  • Edited By Janvi Bithal,
  • Updated: 07 Jul, 2020 05:00 PM
इंसानियत ऐसी भी...लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर रहीं लक्ष्‍मी गौतम

लोगों का मानना है कि आजकल लोग स्वार्थी हो गए हैं और आज कल रिश्ते खत्म होते जा रहे हैं। सब जानते हैं कि इस समय कोरोना काल चल रहा है और आप ने ये खबरें भी बहुत देखी होगीं कि अगर किसी परिवार में कोरोना से किसी की मौत हो जाए तो बहुत से लोग अपने परिवार के उस सदस्य का अंतिम संस्कार तक नहीं करते हैं और उनके लावारिस शव कितने दिन यूं ही पड़े रहते हैं लेकिन इस दुनिया में आज भी कहीं न कहीं इंसानियत जिंदा है और आज भी लोगों के दिल में रहम भाव है इस बात का साफ उदाहरण है वृंदावन में रहने वाली डॉ. लक्ष्मी गौतम। 

PunjabKesari

जहां आज के समय में लोग अपने ही परिवार के शवों को लावारिस छोड़ देते हैं वहीं लक्ष्मी गौतम ने इस मामले में एक अलग ही उदाहरण पेश की है। लक्ष्मी ने अनजान लोगों के साथ एक रिश्ते की डोर को जोड़ा और वो उन लावारिस लोगों की लाशों का अंतिम संस्कार खुद अपने हाथों से करती हैं। 

खबर मिलते ही मदद के लिए पहुंच जाती है 

 जब भी लक्ष्मी को ऐसी किसी खबर के बारे में पता चलता है तो वो ज्ल्द ही मदद के लिए तैयार हो जाती हैं और उन बेसहारा शवों का सहारा बन कर उन्हें खुद अपने हाथों से अग्नि देती हैं। 

PunjabKesari

ऐसे शुरू किया ये नेक काम 

इस काम को शुरू करने की प्रेरणा लक्ष्मी को तब मिली जब साल 2011 में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण ने आश्रय सदनों में रहने वाली निराश्रित महिलाओं पर सर्वे किया और आप ये सुन कर हैरान रह जाएंगे कि जिन महिलाओं का कोई नहीं होता है उनके शव बोरे में डालकर यूं ही लावारिस छोड़ दिए जाते हैं। इसी रिपोर्ट को जब लक्षमी ने देखा तो वो हैरान रह गई और उसके बाद उसने ठाना कि वो इन लावारिसों के शव को खुद मुखाग्नि देंगीं। वहीं इस काम में उनका पूरा परिवार  भी पूरा साथ देता है। 


पहले महिलाओं का करती थी अंतिम संस्कार

वहीं आपको बता दें कि लक्ष्मी पहले सिर्फ महिलाओं का ही अंतिम संस्कार करती थी लेकिन फिर इसके बाद उसने पुरुषों का अंतिम संस्कार भी करना शुरू कर दिया। 


कर चुकी हैं 300 शवों का अंतिम संस्कार

लक्ष्मी बीते 8 सालों में तकरीबन 300 शवों को मुखाग्नि दे चुकी हैं। इतना ही नहीं लॉकडाउन में भी वो 7 लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार कर चुकी हैं। अब आप ये भी सुनकर हैरान हो जाएंगे कि लक्ष्मी इस सारे काम के लिए किसी से आर्थिक मदद भी नहीं लेती हैं। 

PunjabKesari
चलाती हैं कनकधारा फाउंडेशन 

इतिहास व संस्कृति पढ़ाने वाली डॉ. लक्ष्मी गौतम कनकधारा फाउंडेशन चलाती हैं। यह फाउंडेशन घायलों के लिए एंबुलेंस भी चलाता है। 
 

Related News