कैफे कॉफी डे का नाम तो सुना ही होगा आपने! दोस्तों के साथ वहां जाकर कॉफी भी पी होगी! देश में बढ़ते कॉफी कल्चर को देखते हुए वर्ष 1996 में कर्नाटक के रहनेवाले वीजी सिद्धार्थ ने इसकी शुरुआत की थी। कॉफी शॉप की यह चेन अच्छी चल पड़ी, लेकिन फिर कई सारे उतार-चढ़ावों के बीच कंपनी कर्ज में डूबती चली गई और कंपनी के फाउंडर और सीईओ वीजी सिद्धार्थ की खुदकुशी कर ली। 7000 करोड़ के कर्ज में डूबी कंपनी और साथ में पति की मौत का सदमा, लेकिन इन सब से सिद्धार्थ की पत्नी मालविका हेगड़े नहीं टूटी। उन्होनें अपनी मेहनत और लगन से कैफे कॉफी डे को फिर से रेस में ला खड़ा किया और आखिरकार कंपनी के अच्छे दिन आ ही गए। आईए जानते हैं मालविका हेगड़े के कमयाबी की कहानी के बारे में...
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री की बेटी हैं मालविका
मालविका हेगड़े कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा की बेटी हैं। उनका जन्म 1969 में बेंगलुरु शहर में हुआ था। उनकी स्कूली शिक्षा वहीं से हुई और फिर बेंगलुरु विश्वविद्यालय से ही उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। वर्ष 1991 में वीजी सिद्धार्थ के साथ उनकी शादी हुई। कैफे कॉफी डे की सीईओ बनने से पहले वह कई वर्षों तक सीडीईएल की गैर-बोर्ड सदस्य रही हैं। मालविका के दो बेटे ईशान और अमर्त्य हैं।
सीईओ के रूप में मालविका ने दिखाई अद्भुत कार्यक्षमता
पति के अचानक हुई मौत के बाद मालविका ने साहस दिखाया, सीईओ के रूप में अपनी अद्भुत कार्यक्षमता का प्रदर्शन किया और उद्योग जगत में चर्चा का विषय बन गईं। उनकी लगन और मेहनत का नतीजा है कि जो कंपनी 2019 में 7000 करोड़ के कर्ज के बोझ तले दबी थी, वह बहुत ही कम समय में उभर कर ऊपर चली आई है।कंपनी के बयान के मुताबिक मार्च 2021 तक सीसीडी पर 1779 करोड़ रुपये कर्ज रह गया है, जिसमें 1263 करोड़ का लॉन्ग टर्म लोन और 516 करोड़ की शॉर्ट टर्म कर्ज शामिल है। मालविका उद्योग जगत में एक सशक्त बिजनेस वुमन के तौर पर अपनी एक अलग पहचान बना चुकी है।
सीसीडी बन गया है भारतीय संस्कृति का अहम हिस्सा
सीसीडी अब भारतीय संस्कृति का हिस्सा बन चुका है. दिल्ली, मुंबई, चंडीगढ़ समेत देश के 165 शहरों में इसके 572 कैफे हैं।
वहीं कंपनी के 333 एक्सप्रेस कियोस्क भी हैं, जहां लोग रेडी टू टेक आर्डर खरीदते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वर्तमान में 36,326 वेंडिंग मशीन के साथ सीसीडी भारत का सबसे बड़ा कॉफी सर्विंग ब्रांड है।
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