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मलाइका से जानिए अनुलोम-विलोम के फायदे व करने का सही तरीका

  • Edited By neetu,
  • Updated: 03 Mar, 2021 01:38 PM
मलाइका से जानिए अनुलोम-विलोम के फायदे व करने का सही तरीका

बॉलिवुड एक्ट्रेस मलाइका अपनी फिटनेस के चलते दुनियाभर में फेमस है। बात उनकी फिटनेस की करें तो वे जिम जाना कभी नहीं भूलती है। इसके अलावा अच्छी डाइट के साथ योगासन भी करती है। ऐसे में वे आएदिन अपने इंस्टाग्राम अकाउंट में योगा व एक्सरसाइज करने की तस्वीरें व वीडियोज भी शेयर करती रहती है। इसी तरह इस बार मलाइका ने अनुलोम-विलोम करने व उसके फायदे बताते हुए एक वीडियो शेयर किया है। तो चलिए आज हम आपको इसे करने का तरीका व फायदों के बारे में बताते हैं...

मलाइका ने अनुलोम-विलोम करने के साथ दिया मैसेज

वीडियो में मलाइका ने अनुलोम विलोम प्राणायाम करने का तरीका व इसके फायदे बताएं है। साथ ही उन्होंने लिखा कि आज का #MalaikasMoveOfTheWeek प्राणायाम का एक आसान रूप है। यह शरीर को मूव करने के साथ सांस लेने की प्रक्रिया को सुधार करने में मदद करता है। हमारी सांस सेहत पर असर डालती है। ऐसे में स्वस्थ रहने के लिए श्वास व्यायाम करना बेहद जरूरी है। 

 

तो चलिए जानते हैं अनुलोम-विलोम करने के फायदे

इसके फायदे बताते हुए मलाइका ने लिखा है कि, इस बारी-बारी हर नासिका छिद्र से सांस लेने की तकनीक की तरह भी जाना जाता है। इसे करने से शरीर को कई फायदे मिलते हैं।

- इसे करने से इम्यूनिटी बूस्ट होने में मदद मिलती है। ऐसे में बीमारियों से लड़ने की शक्ति मिलती है। साथ ही मौसमी बीमारियों की चपेट में आने का खतरा कम रहता है। 

-  अनुलोम-विलोम करने से दिमाग शांत होता है। ऐसे में दिमाग स्वस्थ रहने के साथ स्मरण शक्ति तेज होती है। 

- सांस से जुड़ी परेशानी दूर होती है। ऐसे में दिल स्वस्थ रहता है। साथ ही हार्ट अटैक आने व दिल संबंधी रोग लगने का खतरा कम रहता है। 

- बीपी की समस्या से परेशान लोगों को अनुलोम-विलोम करना फायदेमंद होता है। इससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। ऐसे में बीपी के मरीजों को इस आसन को जरूर करना चाहिए। 

- इस आसन को करने से दिमाग शांत होता है। ऐसे में तनाव व चिंता कम होने में मदद मिलती है। साथ ही अनिद्रा की परेशानी दूर होकर अच्छी नींद आती है। 

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तो चलिए अब जानते है अनुलोम-विलोम करने की विधि-

1. सबसे पहले खुली जगह पर मैट बिछा कर घुटनों के बल व पैरों को पीछे की ओर करके बैठें। 
2. दोनों हाथों घुटनों पर रखें। 
3. आंखें बंद करके शांति का अहसास करें। 
4. अब दाएं हाथ के अंगूठे को दाईं नासिका छिद्र पर रखकर उसे बंद करें। 
5. फिर बाईं नासिका छिद्र से गहरी सांस लेते हुए 4 तक गिनती करें।
6. उसके बाद दाएं हाथ की अनामिका उंगली यानी रिंग फिंगर से बाईं नासिका छिद्र को बंद करके 2 तक गिनती करके इसी अवस्था में रहें। ध्यान दें, इस दौरान दोनों नासिका छिद्र बंद होने से सांस को रोक के रखें। 
7. अब दाएं हाथ के अंगूठे को पीछे हटाते हुए गहरी सांस लें। 
8. फिर इस प्रक्रिया को दूसरी ओर से दोहराएं। 
9. इस आसन को करीब 5 मिनट तक करें। 

नोट- इस योगासन को करने में सांस पर अच्छी पकड़ बनाएं रखें। 
 

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