हिंदू धर्म शास्त्रों में पूर्णिमा के दिन का बहुत ही खास महत्व बताया गया है। इस बार माघ पूर्णिमा 05 फरवरी को मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन नदियों में स्नान और दान करने से शुभ फल मिलता है। इसके अलावा इस दिन व्रत, हवन, जप और पूजा करने से भी विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। तो चलिए आपको बताते हैं इस पूर्णिमा व्रत का शुभ मुहूर्त क्या है....
माघ पूर्णिमा के व्रत की शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचागों के अनुसार, इस बार माघ पूर्णिमा की शुरुआत 04 फरवरी शनिवार रात 09:29 पर होगी। इस तिथि का समापन 05 फरवरी रात 11:58 पर होगा। उदयातिथि के अनुसार, माघ पूर्णिमा इस बार 05 फरवरी के दिन मनाई जाएगी। माघ पूर्णिमा के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 07:07 से लेकर दोपहर 12:13 बजे तक रहेगा। इसके अलावा इस दिन पुष्य और अश्लेषा नाम के नक्षत्र भी बन रहे हैं जो माघ पूर्णिमा के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है।
माघ पूर्णिमा का महत्व
मान्यताओं के अनुसार, मघा नक्षत्र के नाम से ही माघ पूर्णिमा की उत्पत्ति होती है। मान्यताओं के अनुसार, माघ महीने में सारे देवता गण पृथ्वी पर आते हैं और मनुष्य रुप धारण करके प्रयाग में स्नान, दान और जप भी करते हैं। इसलिए इस महीने को बहुत ही महाना माना जाता है। इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती है और मोक्ष की भी प्राप्ति होती है। हिंदू धर्म में माना जाता है कि यदि माघ पूर्णिमा के दिन पुष्प नक्षत्र हो तो तिथि का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है।
व्रत की विधि
माघ पूर्णिमा पर यदि आप व्रत रखने वाले हैं तो इस दिन सुबह जल्दी उठकर नदी या किसी पवित्र नदी में स्नान करें। स्नान के समय सूर्य देव के मंत्र का जाप करें और भगवान सूर्य को अर्घ्य दें। स्नान के बाद पूरा दिन व्रत रखें और भगवान मधुसूदन की पूजा करें। इस दिन असहाय लोगों को भोजन करवाएं और दान करें। दान में आप तिल और काले तिल का दान जरुर करें। इन तिलों का दान करना शुभ माना जाता है।