'महिला अगर ठान ले तो कुछ भी नामुमकिन नहीं' ऐसी ही एक मिसाल देखने को मिली है मध्य प्रदेश के निवाड़ी महिला थाने में, जहां 8 महीने की बेटी को गोद में लिए महिला पुलिस अपनी ड्यूटी पर तैनात है, जिसे देख कर आरक्षक को हर कोई देखकर बस यही कहता है कि ऐसा केवल मां ही कर सकती है। निवाड़ी महिला थाने में पदस्थ महिला आरक्षक शिवानी लखेरा इन दिनों मां के फर्ज के साथ-साथ अपनी ड्यूटी निभाकर लोगों को अपने दायित्व के प्रति सजग और समर्पित रहने की सीख दे रही हैं।
निवाड़ी महिला थाने में पदस्थ महिला आरक्षक की 8 महीने की बेटी है। उनके पति जेल में आरक्षक है वहीं सास-ससुर शिक्षा विभाग में तैनात हैं।
शिवानी लखेरा ने बताई अपनी संघर्ष की कहानी
अपने इस संघर्ष के बारे में महिला आरक्षक शिवानी लखेरा बताती हैं कि घर के सभी सदस्यों को सुबह 10 बजे के बाद अपनी-अपनी ड्यूटी पर जाना पड़ता है। अब घर में 8 माह की बच्ची की देखभाल कौन करे ऐसें में महिला आरक्षक शिवानी अपनी आठ माह की बेटी को गोद में लेकर ड्यूटी के लिये निकल पड़ती हैं।
जहां वह आठ माह की बेटी को गोद में लेकर मां के फर्ज के साथ-साथ बखूबी पूरे समय तक आरक्षक के पद का कर्तव्य निभाती है। बेटी रोने पर तत्काल ही उसके खाने-पीने की व्यवस्था करने के साथ ही अपने काम पर जुट जाती है।
केवल एक महिला ही अपने परिवार को एक सूत्र में बांधकर रख सकती है
शिवानी लखेरा ने बताया कि बेटी को संभालने में पुलिस स्टाफ और अधिकारी पूरी तरह से सहयोग करते हैं। महिलाएं हर मोर्चे पर सफल है और खुद को कई स्तर पर अपने आपको सफल करके दिखाया है चाहे वह बच्चों की परवरिश हो, घर की देखभाल करना हो, अपने परिवार को एक सूत्र में बांधकर रखना के अलावा बखूबी नौकरी करना। ये महिला आरक्षक दूसरों के लिए भी एक प्रेरणा है।