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देवी दुर्गा के तीन अनसुलझे रहस्य, जो हर भक्त को जानने चाहिए!

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 07 Oct, 2024 12:50 PM
देवी दुर्गा के तीन अनसुलझे रहस्य, जो हर भक्त को जानने चाहिए!

नारी डेस्क: हिन्दू धर्म में माता दुर्गा को देवियों में सर्वोच्च स्थान प्राप्त है, जिन्हें विभिन्न नामों जैसे अम्बे, शेरावाली, जगदम्बे, भगवती और पहाड़ावाली से जाना जाता है। माता रानी के भक्त देश के कोने-कोने में विद्यमान हैं, जो उनकी नियमित पूजा-अर्चना करते हैं। विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान माता दुर्गा की पूजा करने से भक्तों को विशेष फल की प्राप्ति होती है। हालांकि, माता दुर्गा के स्वरूप से जुड़े कई रहस्य ऐसे हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। आज हम आपको देवी दुर्गा के अनसुने रहस्यों के बारे में जानकारी देंगे।

माता दुर्गा का प्रकट होना

धार्मिक मान्यता के अनुसार, देवी दुर्गा के छठे रूप कात्यायनी का प्रकट होना असुरों के संहार और देवताओं के दुखों को दूर करने के लिए हुआ था। देवी दुर्गा का जन्म देवताओं की शक्तियों से हुआ था ताकि वह असुरों के राजा महिषासुर का वध कर सकें। उनके प्रत्येक स्वरूप का निर्माण विभिन्न देवी-देवताओं के तेज से हुआ है।

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देवी दुर्गा के स्वरूप का निर्माण माना जाता है कि

ब्रह्मा जी के तेज से माता कात्यायनी के दोनों चरण बने। सूर्य देव के तेज से उनके हाथों की उंगलियां बनीं। वसुओं के तेज से माता के हाथों की उंगलियां प्रकट हुईं। कुबेर जी के तेज से माता की नासिक बनी। संध्या के तेज से माता की भौहें बनीं। वायु के तेज से उनके कान प्रकट हुए। अग्नि के तेज से उनके तीनों नेत्र बने। प्रजापति के तेज से माता के दांत प्रकट हुए।

माता दुर्गा के अस्त्र-शस्त्र

देवी दुर्गा के पास जो त्रिशूल है, वह भगवान शिव द्वारा प्रदान किया गया था। इसके अलावा माता के पास एक चक्र भी है, जिसे भगवान विष्णु ने अपने चक्र से उत्पन्न किया था। इनके पास और भी अस्त्र-शस्त्र हैं, जो विभिन्न देवी-देवताओं द्वारा दिए गए हैं, जिससे उनकी क्षमता और भी अधिक होती है।

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देवी दुर्गा के अन्य अस्त्र

यमराज ने माता को काल दंड दिया। वरुण ने उन्हें पाश प्रदान किया। प्रजापति ने माता को माला दी। ब्रह्मा जी ने एक दिव्य कमंडल दिया। काल भैरव ने माता को चमकती हुई ढाल और तलवार दी। सूर्य देवता ने देवी के समस्त रोम-कूपों में अपनी किरणों का तेज भरा।

देवी दुर्गा की शक्तियां

इन सभी अस्त्रों और शक्तियों के साथ माता दुर्गा एक अद्वितीय शक्ति का प्रतीक बन जाती हैं। उनके पास मौजूद ये अस्त्र न केवल उन्हें युद्ध में विजय दिलाते हैं, बल्कि भक्तों को भी संकटों से मुक्ति दिलाने की शक्ति रखते हैं। नवरात्रि के दौरान उनकी पूजा करने से भक्तों को मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक शक्ति की प्राप्ति होती है।

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देवी दुर्गा के ये रहस्य न केवल उनकी महिमा को बढ़ाते हैं, बल्कि भक्तों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनते हैं। उनके विविध स्वरूप और शक्तियों को जानकर हम उनकी महानता को और अधिक समझ सकते हैं। नवरात्रि के पावन अवसर पर, आइए हम सभी माता दुर्गा की आराधना करें और उनके चरणों में श्रद्धा प्रकट करें।


 

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