बॉलीवुड की नामी और ओल्ड एक्ट्रेस की बात करें तो उसमें अरूणा ईरानी का नाम भी शामिल हैं जिन्होंने अपने फिल्मी करियर में करीब 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। वह सिर्फ हिंदी ही नहीं बल्कि मराठी, गुजराती और कन्नड़ फिल्मों में नजर आई। फिल्मों के अलावा अरूणा ने टीवी की ओर भी रख किया और टीवी की दुनिया में वह सफल हो गई।
चलिए आपको इस पैकेज में अरूणा ईरानी के जिंदगी के सफर के बारे में बताते हैं। अरुणा ईरानी जिनका जन्म 18 अगस्त 1946 को मुंबई में हुआ था। अरूणा के पिता फरीदुन ईरानी नाटक मंडली चलाते थे और मां सगुना अभिनेत्री थीं। अरुआ अपने आठ भाई-बहनों में सबसे बड़ी थी और उन्होंने छठी कक्षा के बाद अपनी पढ़ाई छोड़ दी थी क्योंकि परिवार के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह अपने सभी बच्चों को पढ़ा सके।
साल 1961 से उन्होंने फिल्म गंगा जमुना से उन्होंने बॉलीवुड में डेब्यू किया था। और उसी साथ वह फिल्म अनपढ़ में माला सिन्हा के बचपन का किरदार निभाते नजर आई थी। अरणा ने कई सारी फिल्मों में छोटे-छोटे रोल निभाए लेकिन उनके किरदारों को पसंद किया जाता था। साल 1984 में आई फिल्म 'पेट प्यार और पाप' के लिए अरुणा ईरानी को फिल्मफेयर बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस अवॉर्ड भी मिला। वह ज्यादातर फिल्मों में मां का किरदार निभाते ही नजर आईं थी। 'बेटा' फिल्म में निभाया गया उनका रोल खूब पसंद किया गया। इस रोल के लिए भी उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला।
वहीं बात पर्सनल जिंदगी की करें तो वह भी चर्चा में रही। अरुणा का नाम कॉमेडियन महमूद से भी जुड़ा था।
एक इंटरव्यू में अरुणा ईरानी ने अपने और महमूद के रिश्ते को लेकर खुलासा किया था और कहा था- 'हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे। यही नहीं दोस्त से भी ज्यादा अच्छे थे, शायद। इसे आप आकर्षण, दोस्ती या कुछ और भी कह सकते हैं लेकिन हमने कभी शादी नहीं की। हम कभी प्यार में नहीं थे। अगर होते तो इस रिश्ते को हम जरूर आगे बढ़ाते। प्यार कभी खत्म नहीं होता वो तो हमेशा रहता है। मैं अपने बीते हुए कल को भूल चुकी हूं।'
अरुणा ईरानी ने 40 साल की उम्र में शादी की थी। उन्होंने फिल्म डायरेक्टर कुकू कोहली से शादी की थी। कुकू शादीशुदा थे और उनके बच्चे भी थे। अरुणा ने साल 1960 में कुकू कोहली से शादी की थी और शादी के बाद कभी मां ना बनने का फैसला किया था।
इस बारे में अरूणा ने इंटरव्यू में कहा था, 'मैं 40 साल की थी जब कुकूजी (संदेश कोहली) से मुलाकात हुई। वह मेरी फिल्म के डायरेक्टर थे। मैं किसी और के साथ सेटल होने का सोच रही थी लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं होने दिया। सच कहूं तो मैं भी भावनात्मक तौर पर उनसे जुड़ चुकी थी।
बच्चों को लेकर अरुणा ने कहा था कि- 'जब मैं अपने भतीजे और भतीजी को देखती हूं तो यही सोचती हूं कि अच्छा है कि मेरे बच्चे नहीं हैं। अगर कोई मेहमान मेरे घर में आता और बच्चे उनका वेलकम नहीं करते और सोफे पर उथल-पुथल मचाते रहते जैसा कि आजकल के बच्चे करते हैं तो मैं परेशान होती। मेरे दोस्त डॉक्टर अजय कोठारी ने मानसिक तौर पर मुझे इसके लिए तैयार किया। उन्होंने मुझे समझाया था कि बच्चों और तुम्हारे बीच उम्र और जनरेशन का जो फासला होगा उसे संभालने में दिक्कत होगी। वह सही थे।'
बता दें कि अरुणा फिल्मों के अलावा कई टीवी शोज में भी काम कर चुकी हैं।