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फेफड़ों की यह बीमारी दे सकती है सांस लेने में तकलीफ, जानिए कैसे रखें बचाव

  • Edited By neetu,
  • Updated: 27 Aug, 2020 12:21 PM
फेफड़ों की यह बीमारी दे सकती है सांस लेने में तकलीफ, जानिए कैसे रखें बचाव

पल्मोनरी फाइब्रोसिस (Pulmonary fibrosis) यानि फुफ्फुसीय फाइब्रोसिस फेफड़े से संबंधित एक बीमारी है। इसे लंग फाइब्रोसिस भी कहते हैं। यह बीमारी फेफड़ों के टिशू खराब या जख्मी होने पर होती है। ऐसे में फेफड़ों को सही तरीके से काम करने और सांस लेने में दिक्कतें होने लगती है। फेफड़ों तक सही मात्रा में खून न पहुंचने से जोड़ों में दर्द व सूजन होने लगती है। मगर डॉक्टरों द्वारा इसतरह के अधिक मामलों में कुछ कहा नहीं जा सकता हैं। ऐसे में इसका कोई खास कारण पता न होने से इस स्थिति को इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस (Pulmonary fibrosis) के नाम से जाना जाता है।

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ऐसे में कुछ दवाइयों और सही आहार की मदद से इसके लक्षणों को कम और बढ़ने से रोका जा सकता है। इसलिए समय रहते इसके लक्षणों को पहचान कर इस पर काबू पा लेना जरूरी है। तो चलिए आज हम आपको इस लाइलाज बीमारी के कुछ लक्षण और इससे बचने के उपायों के बारे में बताते हैं। 

सांस लेने में दिक्कत होना

सांस लेने में समस्या आना पल्मोनरी फाइब्रोसिस का एक आम लक्षण के तौर पर माना जाता है। इसके कारण शारीरिक गतिविधियों के समय सांस लेने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। मगर इसके बढ़ने से व्यक्ति को आराम से बैठने पर भी सांस से जुड़ी परेशानी होने लगती है। ऐसे में यह एक गंभीर स्थिति पैदा कर सकती है। इसलिए सांस से जुड़ी कोई भी परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। 

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कमजोरी व थकान महसूस होना

वैसे तो काम के अधिक बोझ से थकान होने लगती है। बहुत से लोग इस पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं। मगर कमजोरी व थकान रहना कई पुरानी बीमारियों का एक आम लक्षण माना जाता है। ऐसे में ज्यादा थकावट होने से व्यक्ति को सांस लेने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। 

लगातार खांसी आना

आमतौर पर लोग खांसी- जुकाम से परेशान रहते हैं। मगर इसे गंभीरता से न लेने पर यह गंभीर स्थिति पैदा कर सकती है। कई दिनों तक खांसी लगे रहना फुफ्फुसीय फाइब्रोसिस के एक लक्षण माना जा सकता है। मगर खांसी कई अलग-अलग फेफड़ों की बीमारियों से संबंधित होती है। ऐसे में यह स्वचालित तरीके से पीएफ (पल्मोनरी फाइब्रोसिस) से जुड़ी नहीं होती है। असल में, पीएफ के मरीज सूखी खांसी से पीड़ित होते हैं। साथ ही अन्य फेफड़ों से संबंधित बीमारियों में खांसी अधिक मात्रा में बलगम पैदा करती है।

जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द रहना

शरीर को सही मात्रा में ऑक्सीजन न मिलने की स्थिति में जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द महसूस होता है। इसका मुख्य कारण फेफड़ों को पर्याप्त ऑक्सीजन युक्त खून का न मिल पाना होता है। साथ ही गठिया के मरीजों को सूजन की शिकायत होने पर फुफ्फुसीय फाइब्रोसिस विकसित हो सकते हैं। 

इससे बचने के लिए इन चीजों को करें फॉलो

 

सही व पौष्टिक आहार

खाने में विटामिन- सी से भरपूर फल, हरी सब्जियां, साबुत अनाज, ड्राई फ्रूट्स और कम फैट वाली चीजों का सेवन करें। इसके अलावा कम मात्रा में दिन में 4-5 बार भोजन करें। इन छोटे-छोटे भोजन से फेफड़ों में मजबूती आती है। साथ ही सांस लेने में दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता है।

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भरपूर मात्रा में पानी पीएं

शरीर को चुस्त-दुरुस्त और फेफड़ों को बेहतर ढंग से काम करने से दिन में 8-10 गिलास पानी पीएं।

योगा व एक्सरसाइज करें

रोजाना सुबह खुली हवा में 30 मिनट योगा व एक्सरसाइज करने के फेफड़ों में मजबूती आती है। ऐसे में सांस से संबंधित समस्याएं दूर हो तनाव कम होने में भी मदद मिलती है। साथ ही सेहत को दुरुस्त रखने के लिए थोड़ी देर सैर भी करें। इससे शरीर को बेहतर तरीके से काम करने की शक्ति मिलती है।

कैफीन का सेवन कम करें

ज्यादा मात्रा में चाय, कॉफी का सेवन करने से बचना चाहिए। इसके साथ ही सिगरेट, तंबाकू जैसे अन्य पदार्थ भी फेफड़ों को ठीक से काम नहीं करने देते हैं। ऐसे में सांस से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए समय रहते ही इन चीजों को कम या नामात्र कर देना चाहिए‌।

 

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