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कोरोना के बाद डेंगू-वायरल बुखार का बढ़ा खतरा, जानें कैसे करें बचाव

  • Edited By Anu Malhotra,
  • Updated: 06 Sep, 2021 05:16 PM
कोरोना के बाद डेंगू-वायरल बुखार का बढ़ा खतरा, जानें कैसे करें बचाव

एक तरफ कोरोना महामारी तो दूसरी तरफ बदलते मौसम में डेंगू और वायरल बुखार का भी कहर जारी हैं। बता दें कि उत्तर प्रदेश के फ़िरोज़ाबाद में बीते रविवार को डेंगू और वायरल बुखार के 105 नए मामले आए हैं। ये सारे मामले सरकारी मेडिकल कॉलेज, फ़िरोज़ाबाद में आए। इस बारे में मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल, डॉ. संजीता अनेजा ने बताया कि आज डेंगू और वायरल बुखार के 105 नए मरीज़ भर्ती हुए जबकि 60 मरीज़ रिकवर कर चुके हैं।

 डेंगू और वायरल बुखार ने अब तक 51 लोगों की ली जान 
डॉ. संगीता के अनुसार,  अस्पताल के कई वॉर्ड में 447 मरीज़ भर्ती हैं। डेंगू और वायरल बुखार ने अब तक 51 लोगों की जान ले ली है। बता दें कि फिरोज़ाबाद में पिछले दो हफ़्तों से डेंगू और वायरल बुखार फैला हुआ है और मरने वालों में बच्चों की संख्या ज़्यादा है।

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आईए जानते हैं  डेंगू और वायरल बुखार से खुद को और बच्चों को कैसे सुरक्षित रखें-

कैसे फैलता है डेंगू
डेंगू बुखार से पीड़ित मरीज के खून में डेंगू वायरस बहुत ज्यादा मात्रा में होता है। जब कोई एडीज मच्छर डेंगू के किसी मरीज को काटता है तो वह उस मरीज का खून चूसता है और डेंगू का वायरस शरीर में चला जाता है। जिससे वह डेंगू वायरस से पीड़ित हो जाता है।

कब दिखती है बीमारी
बता दें कि मच्छर काटने के  3-5 दिनों के बाद मरीज में डेंगू बुखार के लक्षण दिखाई देते हैं। 

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डेंगू के लक्षण
-साधारण डेंगू बुखार
-ठंड लगने के बाद अचानक तेज बुखार आना
-सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना
-आंखों के पिछले हिस्से में दर्द होना
-बहुत ज्यादा कमजोरी लगना, भूख न लगना और जी मितलाना और मुंह का स्वाद खराब होना
-गले में हल्का-सा दर्द होना
-शरीर खासकर चेहरे, गर्दन और छाती पर लाल-गुलाबी रंग के रैशेज होना

बच्चों में डेंगू खतरा ज्यादा
बता दें कि बच्चों का इम्युन सिस्टम बेहद कमजोर होता है इसलिए डेंगू का खतरा बच्चों में अधिक होता है। ऐसे में अभिभावक को ध्यान दें कि बच्चे घर से बाहर पूरे कपड़े पहनकर जाएं। जहां खेलते हों, वहां आसपास गंदा पानी न जमा हो। वहीं स्कूल प्रशासन इस बात का ध्यान रखे कि स्कूलों में मच्छर न पनप पाएं। बहुत छोटे बच्चे खुलकर बीमारी के बारे में बता भी नहीं पाते इसलिए अगर बच्चा बहुत ज्यादा रो रहा हो, लगातार सोए जा रहा हो, बेचैन हो, उसे तेज बुखार हो, शरीर पर रैशेज हों, उलटी हो या इनमें से कोई भी लक्षण हो तो फौरन डॉक्टर को दिखाएं। 

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इन एहतियात का रखें का खास ख्याल
-कोशिश करें कि ठंडा पानी न पीएं, मैदा और बासी खाना न खाएं।
-खाने में हल्दी, अजवाइन, अदरक, हींग का ज्यादा-से-ज्यादा इस्तेमाल करें।
-बदलते मौसम में पत्ते वाली सब्जियां, अरबी, फूलगोभी न खाएं।
-पूरी नींद लें, खूब पानी पीएं और पानी को उबालकर पीएं।
-मिर्च मसाले और तला हुआ खाने से परहेज करे। 
-खूब पानी पीएं। छाछ, नारियल पानी, नीबू पानी आदि खूब पिएं।

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डेंगू के बचाव 
-बीमारी से बचने के लिए फिजिकली और मेंटली स्ट्रॉन्ग रहना बहुत जरूरी है। 
-अच्छा खाएं, अच्छा पीएं और अच्छी नींद ले।
-नाक के अंदर सरसों का तेल लगाकर रखें। इससे तेल की चिकनाहट बाहर से बैक्टीरिया को नाक के अंदर जाने से रोकती है।
-खाने में हल्दी का इस्तेमाल ज्यादा करें। या फिर दुध में हल्दी डालकर पीएं। 
-रोजाना आठ-दस तुलसी के पत्तों का रस शहद के साथ मिलाकर लें।
-ग्लोय का पानी पीएं, यह इम्युन सिस्टम को मजबूत बनाता है। 
-विटामिन-सी से भरपूर चीजों का ज्यादा सेवन करें जैसे कि आंवले, संतरे या मौसमी।

 

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