एक आंख की रोशनी खो चुकी जबकि दूसरी आंख में 25% रोशनी होने के बावजूद उसने हार नहीं मानी और अपने सपनों को पूरा किया। हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के सतना की रहने वाली कीर्ति कुशवाहा की, जिसने 12वीं कक्षा में 8वां रैंक हासिल किया है। कीर्ति ने काॅमर्स स्ट्रीम मे 500 में से 472 अंक हासिल किए हैं।
पिता का कारोबार हो गया था बंद
कीर्ति की मां रश्मि कुशवाहा ने बताया कि जन्म से ही उनकी बेटी को एक आंख से दिखाई नहीं देता था। जिसके बाद उसकी दूसरी आंख की रोशनी भी धीरे-धीरे कम होने लगी। लेकिन फिर भी उसने अपनी पढ़ाई जारी रखी। अपनी मेहनत और लगन से परिवार का नाम रोशन कर दिया। रश्मि ने बताया कि दो साल पहले कीर्ति के पिता कवि शंकर कुशवाहा के साथ एक हादसा हो गया था। जिसके बाद उनका टेंट हाउस का कारोबार बंद हो गया।
ट्यूशन पढ़ाकर उठाया अपनी फीस का खर्च
कीर्ति ने जिसके बाद बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया और खुद रश्मि घर में सिलाई-कढ़ाई कर घर का खर्चा चलते हैं। एक समय ऐसा आया जब फीस भरने के भी पैसे नहीं थे। कीर्ति के दो भाई भी हैं जिन्होंने पैसों की तंगी के चलते पढ़ाई छोड़ दी थी। हालांकि कीर्ति ने अपनी पढ़ाई जारी रखी। वह 8वीं कक्षा तक के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती और अपनी फीस का खर्च उठाती।
पिछले साल से नहीं है घर में बिजली
डाॅक्टर ने कीर्ति को खराब रोशनी में पढ़ाई करने से मना कर दिया था। ऐसा करने से उनकी आंख की बची हुई रोशनी भी जा सकती है। आर्थिक तंगी के चलते उसके परिवार वाले बिजली का बिल भरने में असमर्थ थे, जिस वजह से पिछले साल जुलाई में उनके घर की बिजली काट दी गई थी। इसलिए कीर्ति रात में पढ़ने की बजाए दिन की रोशनी में पढ़ती थी। कीर्ति का कहना है कि उसकी मां और उसके शिक्षकों ने बहुत साथ दिया है।