बॉलीवुड की इमोशनल मां के किरदार जब भी याद किए जाते हैं तो जुबान पर निरूपा रॉय, रीमा लागू, ललिता पवार, अरूणा ईरानी जैसी एक्ट्रेस का नाम आता है क्योंकि इन सब ने इमोशनल, सीरियस और किसी ने दुखियारी मां का किरदार जो निभाया लेकिन एक मां ऐसी भी है जो कूल छवि में नजर आई और वो कोई और नहीं बल्कि किरणा खेर थी। वो सिर्फ पर्दे पर ही कूल नहीं दिखतीं बल्कि असल जिंदगी में भी बेहद बिंदास हैं।
थिएटर और एक्टिंग से अपनी दमदार शुरूआत करने वाली किरण खेर ने राजनीति में अपनी सफल जगह बना ली। पंजाब के चंडीगढ़ में 14 जून 1955 को किरण खेर का जन्म एक सिख परिवार में हुआ था। किरण का पूरी नाम किरण ठक्कर सिंह था। किरण ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई चंडीगढ़ से ही हुई। इसके बाद उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से डिपार्टमेंट ऑफ़ इंडियन थिएटर में स्नातक किया है। उनकी दो बहनें व भाई था। उनके भाई अमरदीप की 2003 में एक ऐक्सीडेंट में मृत्यु हो गई। उनकी बहन कंवल ठक्कर कौर हैं जोकि एक अर्जुन अवार्ड विनर बैडमिंटन खिलाडी हैं। उनकी दूसरी बहन शरणजीत कौर संधु हैं। किरण खेर ने साल 1973 में पंजाबी फिल्म 'असर प्यार दा' से शुरुआत की थी। इसके बाद वह हिंदी सिनेमा में आई और उनका करियर सफल होता गया लेकिन करियर की तरह उनकी शादी सफल नहीं रही। उनका प्रोफेशनल लाइफ और पर्सनल लाइफ दोनों ही इंट्रस्टिंग रही।
जब 1980 में किरण ने चंडीगढ़ से मुंबई का रुख किया तो उनकी मुलाकात वहां बिजनेसमैन गौतम बेरी से हुई। कुछ दिनों की मुलाकात के बाद किरण और गौतम ने शादी कर ली और साल भर में वह 1 बेटे की मां भी बन गईं। सिंकदर, किरण और गौतम के बेटे हैं। हालांकि अनुपम और किरण एक साथ थिएटर करते थे इसलिए वह पहले से एक दूसरे को जानते थे। जहां अनुपम खेर कश्मीरी पंडित हैं और कश्मीर से हैं वहीं किरण खेर पंजाब के जमींदार परिवार से थी। अनुपम के पिता शिमला फॉरेस्ट डिपॉर्टमेंट में क्लर्क थे। दोनों की मुलाकात किरण के शहर चंडीगढ़ में हुई थी जहां दोनों एक साथ थिएटर करते थे। वहीं से दोनों की दोस्ती हुई और दोनों बेस्ट फ्रैंड बन गए। किरण की तरह अनुपम भी शादी कर चुके थे लेकिन दोनों ने शादी के बाद भी थिएटर करना नहीं छोड़ा था। जब नादिरा बब्बर के प्ले के लिए दोनों कलकत्ता गए, तो वहां इनकी फिर मुलाकात हुई। उस मुलाकात के बारे में किरण बताती हैं, ‘जब मैं दोबारा अनुपम से मिली, तो वो बिल्कुल अलग लग रहा था। उसने अपने सिर मुंडवा लिया था।’
प्ले खत्म होने के बाद अनुपम किरण को उनके कमरे में बाय बोलने गए। वापस आते समय जब अनुपम ने किरण को मुड़कर देखा, उसी पल दोनों को अहसास हुआ कि उनके बीच कुछ तो जरूर है। इसी बीच एक दिन अनुपम, किरण के घर गए और बोले, ‘मुझे तुमसे कुछ बात करनी है। मुझे ऐसा लग रहा है कि मुझे तुुमसे प्यार हो गया है।’ किरण को पहले ये मजाक लगा लेकिन धीरे-धीरे उन्हें अहसास हुआ कि अनुपम सीरियस थे। फिर दोनों अक्सर मिलने लगे और ऐसे उन्हें एक-दूसरे की लाइफ में चल रहीं प्रॉब्लम्स के बारे में पता चला। कुछ वक्त बाद दोनों ने अपने पार्टनर्स से तलाक ले लिया और 1985 में शादी कर ली। दोनों की लाइफ अच्छे से चल रही थी।
किरण-अनुपम की अपनी कोई संतान नही है लेकिन किरण का पहली शादी से एक बेटा था सिकंदर जिसको अनुपम ने अपना नाम दिया। अनुपम के साथ एक पल ऐसा आया जब उन्हें फिल्में नही मिली और पैसों की तंगी ने उन्हें घेर लिया। ऐसे में उन दिनों दोनों के बीच मनमुटाव भी चला लेकिन किरण ने समझदारी से हालात संभाले। दरअसल, अनुपम ने अपनी एंटरटेनमेंट कंपनी खोलने के बारे किरण को बताया था लेकिन किरण को ये फैसला ठीक नहीं लगा। वह इसके लिए बिल्कुल तैयार नहीं थीं जब अनुपम को किरण से सपोर्ट मिलना बंद हुआ, तो उन्होंने कंपनी से जुड़ी बातें भी किरण से बतानी बंद कर दीं यहां तक कि पैसों की दिक्कतों के बारे में भी नहीं बताया बाद में जब किरण को ये बातें पता चलीं, तो उन्होंने अनुपम के सपोर्ट के लिए फिर से काम करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे दोनों की लाइफ दोबारा पटरी पर आ गई।
दोनों के फिल्मी करियर का एक वक्त ऐसा भी था, जब किरण के पास ढेर सारी फिल्मों के ऑफर थे और अनुपम बिल्कुल खाली थे। किरण अनुपम से ज्यादा कमाने लगी थीं इस बात को स्वीकार करने में भी अनुपम को काफी टाइम लगा। काम न मिलने की वजह से अनुपम किरण के काम का मज़ाक बनाने लगे। वो किरण से पूछते थे कि इंडस्ट्री के लोग किरण को कितने पैसे देते हैं। अनुपम और किरण के रिश्ते के ये तीन-चार साल बेहद खराब रहे लेकिन किरण ने समझदारी से वो हालात संभाले। आज इन दोनों को एक-दूसरे का साथ निभाते 32 साल हो चुके हैं।
किरण को फिल्म 'देवदास' से ज्यादा प्रसिद्धि मिली। 'देवदास' में उनके किरदार के लिए फिल्मी दुनिया में उन्हें दूसरी मां के रूप में ला खड़ा किया। बॉलीवुड में निरूपा रॉय के बाद किरण खेर को मां का दर्जा मिलने लगा जल्द ही किरण खेर ने राजनीति को ज्वॉइन कर ली। आज के समय में किरण खेर कई सामाजिक कार्यों से भी जुड़ी हुई हैं। आपको बता दें कि वह 2009 में बीजेपी यानि की भारतीय जनता पार्टी से जुडी थी और साल 2014 में वे भारतीय जनता पार्टी से ही चंडीगढ़ की सांसद चुनी गई। किरण ने अपने नाम कई अवार्ड्स किए हैं। हाल ही में किरण कैंसर का शिकार हो गई थी। उनके पति और बेटा सिकंदर उनका ख्याल रख रहे हैं।