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जब पिता को पलटकर थप्पड़ मारने लगी थी कंगना, आखिर क्यों पेरेंट्स के खिलाफ हो जाते हैं बच्चे?

  • Edited By Janvi Bithal,
  • Updated: 20 Feb, 2021 05:03 PM
जब पिता को पलटकर थप्पड़ मारने लगी थी कंगना, आखिर क्यों पेरेंट्स के खिलाफ हो जाते हैं बच्चे?

बॉलीवुड की क्वीन कही जाने वाले कंगना रनौत हमेशा से अपने बेबाक बयान की वजह से सुर्खियों में आ जाती हैं। हाल ही में वह अपने उस ट्वीट को लेकर लोगों के निशाने पर आ गईं है जिसमें उन्होंने अपने ही पिता को थप्पड़ मारने की बात कही है। हम यह तो जानते ही हैं कि कंगना ने बहुत ही कम उम्र में घर छोड़ दिया था ऐसे में एक्ट्रेस ने अपने पुराने दिनों के बारे में बात करते हुए कुछ ट्वीट किए हैं। 

पिता को पलटकर थप्पड़ मारने की कही बात 

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कंगना ने हाल ही में कुछ ट्वीट्स किए हैं जिसमें उन्होंने लिखा ,'मेरे पापा मुझे दुनिया का सबसे अच्छा डॉक्टर बनाना चाहते थे। उन्हें लगता था कि बेस्ट इंस्टिट्यूशंस में पढ़ाकर वह क्रांतिकारी पिता बन रहे हैं। जब मैंने स्कूल जाने से मना किया तो उन्होंने मुझे थप्पड़ मारने की कोशिश की, मैंने उनका हाथ पकड़ लिया और कहा, अगर आप मुझे थप्पड़ मारेंगे तो मैं भी पलटकर थप्पड़ मारूंगी।' एक्ट्रेस का यह ट्वीट सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस ट्वीट के बाद लोग कंगना को कईं बातें भी सुना रहे हैं लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर बच्चों और पेरेंट्स में ऐसा क्या आ जाता है कि दोनों में इतनी दूरियां आ जाती हैं। 

बच्चे के सपने को समझें

कईं बार बच्चे के इस बिहेवियर का कारण होता है माता-पिता का प्रेशर डालना। जैसा कि कंगना ने ट्वीट कर लिखा कि उनके पिता उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे ऐसे में आप अपने बच्चे पर खुद के सपनों का जाल न बिछाएं उसे आजाद छोड़ दें और उसे जो बनना है बनने दें। अगर आप उस पर प्रेशर डालेंगे तो इससे आपके रिश्ते में दूरियां आने लगेगी। 

बच्चे के साथ फ्रेंडली रहें 

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कईं बार ऐसा देखा गया है कि लोगों के घर का माहौल ज्यादा फ्रेंडली नहीं होता है। जिस कारण से बच्चा अपनी बात रखने में थोड़ा डरता है कि उसके माता पिता क्या कहेंगे।  अगर आप चाहते हैं कि आपके रिश्ते में कोई दरार न आए तो बच्चों के दोस्त बनें और उनकी बातें सुनें। गलत पर उन्हें समझाएं और सही पर शाबाशी दें। 

बल से ना मनवाएं अपनी बात 

कहते हैं जब बच्चा बड़ा हो रहा होता है तो ऐसी ऐज में आप उसे मारने के बारे में न सोचे। इससे एक तो बच्चे को भी बेइज्जती महसूस होगी दूसरा वह इससे और ढीठ होता जाएगा। इसलिए अगर कोई बात मनवानी है तो बल से नहीं प्रेम से मनवाएं। 

न गिनवाएं अपनी बातें

अगर आप अपने बच्चे को अच्छी शिक्षा दे रहे हैं तो यह नहीं कि आप बार-बार इस बात को सुनाएं। इन बातों से आपका बच्चा चिड़चिड़ा हो सकता है। खासकर ग्रोइंग एज में तो आपको हमेशा उसका दोस्त बनना चाहिए। 

बच्चे के साथ ज्यादा टाइम बिताएं

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आज की दुनिया में बेशक आपके बच्चे के सोशल मीडिया पर या फिर असल जिंदगी में बहुत सारे दोस्त होंगे लेकिन दिल की बात कहने के लिए उनके पास कोई नहीं होगा। वहीं वह जितना फोन चलाएंगे उनपर उतना ही बुरा असर पड़ेगा ऐसे में  जब भी आपके पास समय हो आप बच्चों के साथ बात करें। उनसे पूछिए कि उन्होंने दिन भर क्या किया और क्या नहीं। 

बच्चें भी समझें मां-बाप की फीलिंग्स

 एक तरफ जहां मां बाप को समझना चाहिए तो वहीं दूसरी ओर बच्चों की भी जिम्मेदारी बनती है कि वह माता-पिता के सपनों को पूरा करें अगर माता-पिता आपको कुछ बनाना चाहते हैं तो इसका अर्थ यह है कि उन्हें आप से आशा है कि आप जिंदगी में उनका नाम रोशन करेंगे ऐसे में आप उन्हीं के साथ बदतमीजी कर उन्हीं का दिल न दुखाएं। 

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