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जानें किन लोगों को निमोनिया का सबसे ज्यादा खतरा, और क्या हैं इसके शुरुआती लक्षण!

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 12 Nov, 2024 04:56 PM
जानें किन लोगों को निमोनिया का सबसे ज्यादा खतरा, और क्या हैं इसके शुरुआती लक्षण!

नारी डेस्क: हर साल 12 नवंबर को विश्व निमोनिया दिवस मनाया जाता है ताकि इस गंभीर बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक किया जा सके। निमोनिया एक संक्रामक श्वसन रोग है जो फेफड़ों की सूजन के कारण होता है। यह संक्रमण अक्सर बैक्टीरिया, वायरस और फंगी के कारण होता है और यह बीमारी हर उम्र के लोगों को प्रभावित करती है। विशेष रूप से छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को इसका ख़तरा सबसे अधिक होता है।

क्या है निमोनिया?

निमोनिया में फेफड़ों की छोटी हवा की थैलियां, जिन्हें एल्वियोली कहा जाता है, द्रव या मवाद से भर जाती हैं। इस कारण शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती और श्वसन से जुड़ी अन्य समस्याएं पैदा होती हैं। कई मामलों में, मरीज जल्दी ठीक हो जाते हैं, लेकिन गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ सकती है। बच्चों में यह बीमारी मृत्यु का प्रमुख कारण बनती है और बुजुर्गों के लिए भी यह एक गंभीर स्वास्थ्य खतरा है।

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निमोनिया के शुरुआती लक्षण

निमोनिया के शुरुआती लक्षणों में लगातार खांसी और बलगम का बनना शामिल है। यह लक्षण आमतौर पर संक्रमण के बाद शुरू होता है और समय के साथ गंभीर हो सकता है। इसके साथ-साथ शरीर में तेज बुखार और पसीना आना भी देखा जा सकता है, जो कि बीमारी की बढ़ती गंभीरता को दर्शाता है। इसके अलावा, सांस फूलना भी एक प्रमुख लक्षण है। जब निमोनिया से फेफड़े प्रभावित होते हैं, तो पर्याप्त ऑक्सीजन लेने में कठिनाई होती है, जिससे सांस फूलने की समस्या उत्पन्न होती है। यदि व्यक्ति गहरी सांस लेता है या खांसता है तो उसे सीने में दर्द महसूस हो सकता है, जो एक अन्य महत्वपूर्ण संकेत है। थकान और कमजोरी भी निमोनिया के दौरान आम लक्षण होते हैं। शरीर की ऊर्जा में कमी आने से व्यक्ति को थका हुआ और कमजोर महसूस होता है। बुजुर्ग रोगियों में भ्रम की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है, जो इस बीमारी के प्रभाव को और अधिक गंभीर बनाती है।

अंत में, भूख में कमी निमोनिया का एक अन्य लक्षण है। अगर इनमें से कोई भी लक्षण, जैसे तेज बुखार, बलगम या खून वाली खांसी, और सांस लेने में कठिनाई दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक है। इनमें से अगर कोई लक्षण दिखें, जैसे तेज बुखार, बलगम या खून वाली खांसी और सांस लेने में कठिनाई, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

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निमोनिया से बचने के उपाय

निमोनिया से बचाव के लिए कुछ उपाय अपनाए जा सकते हैं:

टीकाकरण

निमोनिया से बचाव के लिए बच्चों, बुजुर्गों और उच्च जोखिम समूहों को निमोनिया वैक्सीनेशन कराना बहुत जरूरी है। PCV और PPSV जैसे टीके शरीर को संक्रमण से लड़ने की ताकत देते हैं और इससे गंभीर बीमारी का खतरा कम होता है, खासकर कमजोर इम्युनिटी वाले व्यक्तियों में।

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स्वच्छता का पालन

संक्रमण से बचने के लिए हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोना बेहद जरूरी है। इससे शरीर में बैक्टीरिया और वायरस का प्रवेश कम होता है, जो निमोनिया जैसी गंभीर बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है। इस आदत को रोज़ाना अपनाकर आप संक्रमण से खुद को और परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं।

धूम्रपान से बचें

धूम्रपान से फेफड़े कमजोर हो जाते हैं, जिससे श्वसन तंत्र पर बुरा असर पड़ता है और निमोनिया का खतरा बढ़ता है। धूम्रपान से दूर रहकर, और दूसरों के धुएं (सेकेंड-हैंड स्मोक) से भी बचकर, आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं और फेफड़ों को सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।

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स्वस्थ जीवनशैली

स्वस्थ जीवनशैली अपनाना बहुत जरूरी है, जिसमें पोषक तत्वों से भरपूर आहार, पर्याप्त नींद और नियमित व्यायाम शामिल है। यह आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, जिससे शरीर संक्रमण से लड़ने में सक्षम रहता है और निमोनिया जैसी बीमारियों से बचाव होता है।

संक्रमित लोगों से दूरी

फ्लू और अन्य संक्रामक बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों से दूरी बनाए रखें। इन बीमारियों से निमोनिया होने का खतरा बढ़ जाता है। संक्रमित लोगों से संपर्क में आने से संक्रमण जल्दी फैल सकता है, इसलिए उनसे दूर रहकर आप खुद को और दूसरों को सुरक्षित रख सकते हैं।

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ठंड से बचाव

सर्दियों में ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनें और ठंडे स्थानों से बचें। ठंडे वातावरण में अधिक समय बिताने से निमोनिया का खतरा बढ़ सकता है, इसलिए गर्म स्थानों में रहकर और ठंडी हवाओं से बचकर आप अपने शरीर को सुरक्षा दे सकते हैं।

इस विश्व निमोनिया दिवस पर निमोनिया के लक्षणों और बचाव के तरीकों को जानना और अपनाना आपके और आपके परिवार की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
 

 


 

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